Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस को खल रही कैप्टन की कमी? सिद्धू को आगे लाने का निर्णय INC पर पड़ा भारी!
Lok Sabha Election 2024 पंजाब में लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियां तैयारियों में जुटी है। हाईकमान ने कैप्टन की आपत्ति के बावजूद सिद्धू को पंजाब का अध्यक्ष बनाया। ऐसे में स्थिति ऐसी पैदा हुई कि कांग्रेस में कई गुट बन गए और कांग्रेस नेताओं का पार्टी छोड़ने का क्रम शुरू हो गया। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
चंडीगढ़, कैलाश नाथ l चंडीगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कद कम करने के लिए कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को आगे लाकर जो ताना-बाना बुना था, उसमें अब वह खुद उलझ गई है। हाईकमान ने कैप्टन की आपत्ति के बावजूद सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। इसके बाद सिद्धू ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि कांग्रेस में कई गुट बन गए।
कांग्रेस नेता छोड़ रहे हैं
पार्टी ने विधानसभा चुनाव-2022 से पहले कैप्टन को हटाकर चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया था। इस कारण कैप्टन ने पार्टी छोड़ दी। उनकी अनुपस्थिति में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार हुई। इसके बाद नेताओं के पार्टी छोड़ने का शुरू हुआ क्रम अब भी जारी है।
इस क्रम में सुनील जाखड़ ने भी पार्टी छोड़ दी। विधानसभा चुनाव से पहले जब हाईकमान ने उन्हें प्रदेश प्रधान पद से हटाकर नवजोत सिद्धू को कमान सौंपी थी, तब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का भरोसा दिलाया था।
कांग्रेस के लिए बढ़ी मुश्किल
जाखड़ ने उस समय तो शांति से पद छोड़ दिया, लेकिन उसके बाद नए मुख्यमंत्री की दौड़ से भी उन्हें बाहर कर दिया गया। तब जाखड़ ने कहा था कि उन्हें हिंदू होने के कारण मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। विधानसभा चुनाव में पार्टी की जो हालत हुई, उसके बाद से जाखड़ खुद को हाशिये पर ही महसूस कर रहे थे। अब सिद्धू तो प्रदेश अध्यक्ष के पद से हट गए हैं, लेकिन उनके कारण पार्टी के सामने अब भी समस्या खड़ी हो रही है।
चब्बेवाल ने छोड़ा हाथ का साथ
कांग्रेस पटियाला से सिद्धू को उतारने पर विचार कर ही रही थी कि पार्टी से निलंबित सांसद परनीत कौर भाजपा में शामिल हो गईं। संभवत: वह पटियाला में भाजपा की उम्मीदवार होंगी। उधर, सिद्धू ने पटियाला से चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया। अभी तक कांग्रेस को पूर्व विधायक ही छोड़ रहे थे, लेकिन चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा. राजकुमार चब्बेवाल ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस की परेशानी और बढ़ा दी है। अधिक संभावना है कि आप चब्बेवाल को होशियारपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतार सकती है।
आप ने रिंकू को दिया टिकट
इससे अब राज्य में 13 में से चार लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को पार्टी छोड़कर गए नेताओं से ही मुकाबला करना पड़ सकता है। इसके कारण कांग्रेस का वोट बैंक तो बंटेगा ही। साथ ही, दूसरी पार्टियों को इसका लाभ मिल सकता है। वर्ष 2023 में कांग्रेस को जालंधर लोकसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी से ही गए पूर्व विधायक सुशील रिंकू से हार का सामना करना पड़ा। आप ने रिंकू को इस बार भी टिकट दिया है।
गुरप्रीत जीपी को आप ने बनाया फतेगढ़ से प्रत्याशी
फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस के ही विधायक गुरप्रीत जीपी को आप ने उम्मीदवार बनाया है। उधर, पार्टी में चल रही उठापटक के कारण ही कांग्रेस हाईकमान अभी लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों पर निर्णय नहीं ले पा रहा है।
कांग्रेस के कई नेता इस बात को स्वीकार करते हैं कि जिस समय कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था, वह सही समय नहीं था। इससे न सिर्फ विधानसभा में करारी हार हुई, बल्कि पार्टी में बिखराव भी हुआ।
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