Ram Mandir: प्रभु राम का पंजाब और पंजाबियत से गहरा रिश्ता, गुरबाणी से उदाहरण दे स्वामी राजेश्वरानंद ने रखी अपनी बात
Ram Mandir श्री राम का पंजाब व पंजाबियत से काफी गहरा रिश्ता है। सबसे महानतम प्रमाणिक अध्यात्मिक तथ्य विश्व गुरु माने जाने वाले श्री गुरु ग्रंथ साहिब में प्रभु राम को त्रेता के अवतार के रूप में माना जाना है। आचार्य स्वामी राजेश्वरानंद ने चंडीगढ में जोशी फाउंडेशन की ओर से आयोजित सर्व सांझी पंजाबियत विषय पर यह बात कही।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब व पंजाबियत से प्रभु श्री राम का भूगोलिक व अध्यात्मिक संबंध इतना गहरा है कि पंजाबियत से जुडे सभी कवियों, दार्शनिकों, विद्ववानों व इतिहासकारों ने तो इसका उल्लेख किया ही है।
सबसे महानतम प्रमाणिक अध्यात्मिक तथ्य विश्व गुरु माने जाने वाले श्री गुरु ग्रंथ साहिब में प्रभु राम को त्रेता के अवतार के रूप में माना जाना है। यह विचार आचार्य स्वामी राजेश्वरानंद ने चंडीगढ में जोशी फाउंडेशन की ओर से आयोजित सर्व सांझी पंजाबियत विषय पर कहीं।
हरमोहिंदर सिंह बेदी ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता
कार्यक्रम की अध्यक्षता सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के चांसलर प्रोफेसर हरमोहिंदर सिंह बेदी ने की। मेजर जनरल वीएसएम (विशिष्ट सेवा पदक) आईपी सिंह विशिष्ट अतिथि, जोशी फाउंडेशन के चेयरमैन विनीत जोशी व अध्यक्ष सौरभ जोशी आयोजकर्ता के तौर पर उपस्थित थे।अमृतसर में हुई लव कुश की शास्त्र व शस्त्र की शिक्षा
भूगोलिक रिश्ते पर बात रखते स्वामी राजेश्वरानंद ने कहा कि पंजाब में बहुत से ऐसे स्थान हैं जिनका संबंध भगवान राम से है, जैसे पटियाला से लगभग 30 किलोमीटर दूर पहेवा रोड पर गांव घड़ाम जो कौशल्यापूरम कहलाता है में प्रभु राम जी के ननिहाल हैं।
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खरड़ का अज्ज सरोवर भगवान राम जी के पूर्वज राजा अज्ज के नाम पर है, लव कुश की शास्त्र व शस्त्र की शिक्षा महर्षि वाल्मीकि जी के पंजाब स्थित अमृतसर के आश्रम में हुई और कहा जाता है। रामायण के रचयता महर्षि वाल्मीकि के जीवन का ज्यादातर समय पंजाब में गुजरा है ।
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