Magician OP Sharma Death: चंडीगढ़ में ढाई महीने तक चला था ओपी शर्मा का शो, हर दिन होता था हाउस फुल
Magician OP Sharma Death महान जादूगर ओपी शर्मा अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनके साथ उनकी जादू की कला भी चली गई। ओपी शर्मा ने चंडीगढ़ में लास्ट शो साल 2015 में सेक्टर-17 के नीलम थिएटर में किया था। उनका यह शो ढाई महीने तक चला था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Magician OP Sharma Death: जादूगर ओपी शर्मा का शौक हंसना और लोगों को हंसाना था। हंसने-हंसाने से जो खुशी मिलती थी वही अमूल्य कमाई थी जादूगर दुनिया के नायक ओपी शर्मा की। ओपी शर्मा ने चंडीगढ़ में लास्ट शो साल 2015 में सेक्टर-17 के नीलम थिएटर में किया था। उनका यह शो ढाई महीने तक चला था। शहर के लोगों ने उनके इस शो को खूब पसंद किया था यही वजह रही थी कि लगातार ढाई महीने तक रोजाना ओपी शर्मा शहर के लोगों को अपने जादू से चकित करते रहे।
जादूगर ओपी शर्मा में ऐसी कला थी कि शो में दर्शकों को बांधे रखते थे। शो हफ्ता या दस दिन नहीं बल्कि ढाई महीने लगातार चला। उनके शो को देखने चंडीगढ़ के अलावा पंचकूला और मोहाली और दूसरे राज्यों के लोग भी आते थे। ओपी शर्मा के सम्मोहित कर देने वाले जादू को लोगों ने खूब सराहा था। शो के दौरान शर्मा कहते थे कि खुशनसीब हूं कि मनोरंजन के लिए शहर आने का मौका मिला और सबसे बड़ी उपलब्धि है कि शो के लिए हर दिन हाउस फुल शो जा रहा है।
ओपी शर्मा कहते थे कि दर्शक एक ही सीन को दो से तीन बार देखने की खास आग्रह करते हैं जो कि मेरे उत्साह और फुर्ती को कई गुणा बढ़ा देता है। शो में जादूगर शर्मा ने 50 से ज्यादा करतब दिखाए थे। वह जादू दिखाने के साथ आम लोगों को सम्मोहन शक्ति से बचने और उसे समझने के लिए भी प्रेरित करते थे ताकि कोई ठगी का शिकार न हो सके।
जादू के साथ बातों के जादूगर थे ओपी शर्मा
चंडीगढ़ में ओपी शर्मा के शो का आयोजन कराने वाले हरजिंदर चौहान बताते हैं कि स्टेज पर लोगों को जादू के जरिए बांधकर रखने के साथ ओपी शर्मा में बातों में बांधकर रखने की भी कला थी। हर इंसान की नजर और उसकी सोच को ओपी शर्मा पहचानते थे और उसी के अनुरूप जबाव देते थे। यही एक तरीका था कि वह स्टेज पर आने के बाद दर्शकों के चेहरे और उनकी आवाज को देखकर शाे करने के लिए आगे बढ़ते थे और दर्शकों को दो से ढाई घंटे बांधकर रखते थे।
जादू से मनोरंजन के साथ मिलती थी सीख
वहीं शो देखने वाले राजेंद्र बताते है कि ओपी शर्मा के जादू में न सिर्फ मनोरंजन था बल्कि सीख भी मिलती थी। सीख मिलती थी भ्रमों से बचने की और साइंस को समझने की क्योंकि उनके द्वारा दिखाया गया हर जादू साइंस की तकनीकों से रूबरू कराता था और वह खुद मंचन के बाद इसकी जानकारी दर्शकों को देते थे।