Ranjit Singh Death Anniversary: महाराजा रणजीत सिंह के साथ कोहिनूर और कश्मीर का क्या है संबंध, कैसे मिला उन्हें बेशकीमती हीरा?
Ranjeet Singh Death Anniversary महाराजा रणजीत सिंह का जन्म गुजरांवाला में हुआ था। यह इलाका अब पाकिस्तान में चला गया। महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब पर कई सालों तक राज किया। उनकी दहाड़ से दुश्मन थर्रा जाते थे। बहुत ही कम उम्र में उन्होंने अपने हाथ में तलवार थाम लिया था। उन्होंने अपनी जीते-जी कभी पंजाब के आसपास दुश्मनों को भटकने तक नहीं दिया।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। Maharaja Ranjeet Singh Death Anniversary, Maharaja Ranjit Singh: शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की आज पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि पर लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। रणजीत सिंह की शख्सियत काफी बड़ी थी। वे खालसा साम्राज्य के पहले महाराजा थे। उन्होंने पंजाब को एकजुट करने का काम किया। साथ ही जीते-जी अंग्रेजों को कभी अपने साम्राज्य के पास भटकने नहीं दिया।
महाराजा रणजीत सिंह से जुड़े कई किस्से हैं। लेकिन कश्मीर और कोहिनूर का किस्सा बहुत दिलचस्प है। साथ ही लोगों को ये जानने की जिज्ञासा होती है कि उन्हें बहुमूल्य कोहिनूर हीरा कैसे मिला?
कश्मीर-कोहिनूर कनेक्शन
सन 1812 में महाराजा रणजीत सिंह कश्मीर को मुक्त कराना चाहते थे। उन्होंने इसके लिए कश्मीर के सूबेदार अतामोहम्मद को चुनौती दी। इसके लिए उन्होंने ऑपरेशन शुरू कर दिया था। रणजीत सिंह के कहर से अतामोहम्मद भयभीत होकर कश्मीर छोड़कर भाग गया। उन्होंने कश्मीर को आजाद करा लिया। वहीं, बेशकीमती हीरा कोहिनूर का किस्सा भी कश्मीर से जुड़ा है।क्या था वफा बेगम का प्रस्ताव
वहीं, दूसरी तरफ अतामोहम्मद ने महमूद शाह द्वारा पराजित शाहशुजा को शेरगढ़ के किले में कैद कर रखा था। अपने शौहर को आजाद कराने के लिए वफा बेगम ने लाहौर आकर महाराजा रणजीत सिंह से विनती की और वादा किया कि अगर आप मेरे शौहर को कैदखाने से आजाद करा देते हैं तो इसके बदले मैं आपको बेशकीमती कोहिनूर हीरा भेंट करूंगी।यह भी पढ़ें- जेल में बंद Amritpal Singh का ये साथी भी लड़ेगा चुनाव, पंजाब की इस सीट से आजमाएगा किस्मत; जानें कौन है भगवंत सिंह?