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पूरी जागो पार्टी के साथ मनजीत सिंह जीके अकाली दल में की वापसी, परमजीत सिंह सरना के साथ मिलकर करेंगे काम

अनुभवी अकाली नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मंजीत सिंह जीके ने अपनी पूरी जागो पार्टी के साथ अकाली दल में फिर से वापसी कर ली है। शिरोमणि अकाली दल में पंथक नेताओं की वापसी को लेकर कवायद उन्हीं से शुरू हुई है। हालांकि दो दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल संयुक्त ने भी सुखदेव सिंह ढींडसा की अगुवाई में ऐसी ही बैठक की थी।

By Inderpreet Singh Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Mon, 25 Dec 2023 11:45 PM (IST)
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पूरी जागो पार्टी के साथ मनजीत सिंह जीके अकाली दल में की वापसी

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अनुभवी अकाली नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मंजीत सिंह जीके ने अपनी पूरी जागो पार्टी के साथ अकाली दल में फिर से वापसी कर ली है। शिरोमणि अकाली दल में पंथक नेताओं की वापसी को लेकर कवायद उन्हीं से शुरू हुई है। हालांकि, दो दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल संयुक्त ने भी सुखदेव सिंह ढींडसा की अगुवाई में ऐसी ही बैठक की थी।

मनजीत सिंह जीके व अन्य ने राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को मजबूत करने के साथ-साथ सभी लंबित सिख मुद्दों का समाधान करने के लिए दिल्ली अकाली दल परमजीत सिंह सरना के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

दिल्ली पहुंचे थे सुखबीर बादल

मनजीत सिंह जीके की घर वापसी उस समय हुई जब शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल आज दिल्ली अकाली दल अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लीडरशिप के साथ उनके आवास पर गए। इससे पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य और पूर्व पार्षद परमजीत सिंह सरना भी दोबारा अकाली दल में शामिल हो गए थे।

पूरी जागो पार्टी के साथ हुए शामिल

जीके ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष ने पंथक एकता की अपील करने के लिए उनके आवास पर आकर बहुत अच्छा किया और घोषणा की कि वह अपनी पूरी जागो पार्टी टीम के साथ अकाली दल में बिना शर्त दोबारा शामिल हो रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि वह श्री अकाल तख्त के समक्ष अकाली दल अध्यक्ष द्वारा दिल से मांगी गई माफी से काफी हद तक प्रभावित हुए हैं। 

बलवंत सिंह राजोआणा मामले में केंद्र सरकार की निंदा की

उन्होने कहा कि एकता समय की मांग है और हमारे लंबित मुददों को हल करने के लिए इसकी आवश्यकता है, चाहे वह बंदी सिखों की आजादी हौ या अनुच्छेद 25(खंड -2बी) में सशोंधन हो या फिर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब और श्री डांगमार साहिब की जमीन का मामला हो, शिरोमणि कमेटी के मामलों में हस्तक्षेप को रोकना और चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कमजोर करना हो। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर सभी सिख बंदियों को रिहा करने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की और बलवंत सिंह राजोआणा को रिहा नहीं करने लेकिन बिलकिस बानो के बलात्कारी को रिहा करने के दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।

दिल्ली में सभी पंथक गुट एक हो रहे हैं

इस अवसर पर सुखबीर सिंह बादल ने जीके का पार्टी में वापिस स्वागत करते हुए कहा, ‘‘ पंथक एकता को प्रभावित करना मेरी हार्दिक इच्छा है और यह खुशी की बात है कि यह दिल्ली में हासिल किया गया है। उन्होने जीके के पिता जत्थेदार संतोख सिंह द्वारा पंथ के हित में किए गए महान योगदान के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ उनकी निकटता को भी याद किया। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में सभी पंथक गुट एक हो रहे हैं और वह पंजाब में भी इसके लिए प्रयास करेंगे।

सिखों को अभी न्याय नहीं मिल रहा है- बादल

बादल ने यह भी बताया कि देश में दो कानून हैं। सिखों को अभी न्याय नहीं मिल रहा है और साथ ही उन्होंने इस बात पर भी विचार किया कि दिल्ली में सिखों के कत्लेआम के अपराधियों को इस भयावह घटना के चालीस साल बाद भी अभी तक सजा नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, जब हम सब फिर से एकजुट हो गए तो समुदाय से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान प्राप्त हो जाएगा।

दिल्ली अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने जीके का पार्टी में वापिस आने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सिख समुदाय एक होकर एकजुट नहीं हुआ तो इतिहास उन्हें कभी माफी नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नही हुआ तो हमें भेदभाव का सामना करना पड़ेगा।