किसान आंदोलन का बजट पर दिखा असर, कृषकों पर खास दिखाया फोकसतीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन की छाप भी बजट पर दिखाई पड़ रही है। मनप्रीत ने जहां कर्ज माफी की योजना को जारी रखते हुए उनके 1186 करोड़ रुपये रखे हैं वहीं खेतीहर मजदूरों के लिए 526 करोड़ का आवंटन किया है। यही नहीं, किसानों के लिए कामयाब किसान खुशहाल पंजाब नाम से एक नई योजना भी लांच की है जिसमें किसानों को सब्जियों, फलों और सहायक में लाने के लिए नए रिसर्च सेंटर बनाने, एग्रीकल्चर मार्केटिंग इनोवेशन सेंटर स्थापित करने का ऐलान किया। यह किसानों को बाजारी मूल्य की सतर्कता रिपोर्ट प्रदान करेगा। इस नई योजना हर जिले में कृषि विकास ब्यूरो बनाएं जाएंगे हालांकि पहले चरण में यह केवल तीन जिलों में भ बनाने का प्रस्ताव है।
व्यापारियों को भी खुश करने की कोशिश, 24 घंटे दुकान व व्यवसायिक संस्थान खोलने वाला दूसरा राज्यकोरोना के कारण जिन दुकानदारों और अन्य व्यवसायिक संस्थानों को नुकसान हुआ है उसको दूर करने के लिए वित्तमंत्री ने साल के 365 दिन, 24 घंटे संस्थान खोलने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र के बाद पंजाब दूसरा ऐसा सूबा है जिसने इस तरह की छूट दी है। कोरोना के चलते सबसे ज्यादा नुकसान इसी सेक्टर को हुआ है।
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एससी वर्ग के लिए मुख्यमंत्री ने आशीर्वाद योजना में मिलने वाली शगुन की राशि को 21 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। भाजपा के पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाने के ऐलान के बाद से कांग्रेस ने इस सेक्टर पर फोकस किया है। कपूरथला में बाबा भीम राव अंबेडकर म्युजियम के लिए सौ करोड़ रुपए रखे गए हैं तो गुरु रविदास की याद में होशियारपुर में चार साल से बन रहे स्मारक को इस साल हर हाल में पूरा करने का ऐलान किया है।
गरीबों को सस्ते अनाज की नई योजना लांच की, साहित्यकारों का भी रखा ध्यानगरीबों को मिल रहे सस्ते अनाज वाली योजना को आगे बढ़ाते हुए पंजाब ने अपनी भी नई योजना लांच की है जिसमें नाै लाख उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जो राष्ट्रीय खुराक योजना में शामिल नहीं हैं। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने आटा, दाल के साथ साथ चायपत्ती और चीनी देने का वादा किया था। वित्तमंत्री ने कहा, इसके बदले हमने नौ लाख और परिवारों को सस्ता आटा उपलब्ध करवाना ज्यादा मुनासिब समझा। पंजाबी भाषा को प्रफुल्लित करने के लिए पंजाबी साहित्य पुरस्कारों को भी दोगुना करते हुए बीस लाख रुपये करने का का आज उन्होंने ऐलान किया। स्वतंत्रता संग्रामियों की पेंशन 7500 से बढ़ाकर 9400 रुपये कर दी है।
मनप्रीत का दिखा शायराना अंदाज
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने एक बार फिर से बजट को शायराना अंदाजा में पेश किया। जहां उन्होंने अपनी कंजूसी को भी एक शेयर के रूप में रखा वहीं किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को भी उन्होंने अपने ही अंदाज में श्रद्धांजलि दी।
मनप्रीत ने कहा कि उन्होंने पंजाबियों की मेहनत की कमाई को कंजूसी से प्रयोग किया है। इसको उन्होंने शायराना अंदाज में पेश करते हुए कहा-
' जो यकीन की राह पर चल पड़
उन्हें मंजिलों ने पनाह दी
जिन्हें वस-वसों ने डरा दिया
वो कदम -कदम पे बहक गए।'
उन्होंने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा-
' दुनिया मेरे अजम को कमजोर न समझे
यह सब्र है मेरा, इसे कुछ और न समझे
सोए हुए शेरों को जगाना नहीं है अच्छा,
हम जैसों को बेकार सताना नहीं है अच्छा
खामोश था लेकिन तेरे डब (तौर तरीकों) देख रहा था
मैं सोचती आंखों से गजब देख रहा था
कमजोर नहीं हूं कि तुझे कुछ न कहूंगा,
वतन परस्त हूं मैं कड़ा वार करूंगा।'
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