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चंडीगढ़ में मेट्रो और मोनो रेल के पक्ष में ज्यादा लोग, अब तक नौ हजार से अधिक लोगों ने भेजे सुझाव

चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था लचर है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की यही कमजोरी निजी वाहनों को तेजी से बढ़ावा दे रही है। जल्द मेट्रो व मोनो रेल जैसे विकल्पों को नहीं अपनाया गया तो हालात खराब होंगे। हालांकि शहर के 95 फीसद लोग मेट्रो रेल चलाए जाने के पक्ष में हैं।

By Balwan SinghEdited By: Ankesh ThakurPublished: Mon, 28 Nov 2022 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 09:29 AM (IST)
चंडीगढ़ ही नई बल्कि आसपास के शहरों के लोग भी अपनी राय दे रहे हैं।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था लचर है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की यही कमजोरी निजी वाहनों को तेजी से बढ़ावा दे रही है। जल्द मेट्रो व मोनो रेल जैसे विकल्पों को नहीं अपनाया गया, तो हालात खराब होंगे। हालांकि शहर के 95 फीसद लोग मेट्रो रेल चलाए जाने के पक्ष में हैं।

दैनिक जागरण मेट्रो चाहिए या नहीं इस पर लोगों से राय लेकर उन्हें नीति निर्माताओं तक पहुंचा रहा है। नौ हजार 585 लोग अपनी राय दैनिक जागरण को भेज चुके हैं। सिर्फ चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली ही नहीं डेराबस्सी, रोपड़, खरड़, बद्दी, मोरिंडा जैसी जगहों से भी लोग अपने सुझाव भेज रहे हैं।

लोगों की राय

ट्राईसिटी में मेट्रो चलनी चाहिए। ट्रैफिक और प्रदूषण से निपटने के लिए जरूरी है। प्रमुख मार्गों पर एक राउंडअबाउट से दूसरे के बीच शौचालय भी होना चाहिए।

प्रमोद गुप्ता, निवासी, सेक्टर-38 वेस्ट, चंडीगढ़

मेट्रो चाहिए या नहीं का फैसला वर्तमान समय के लिए नहीं, बल्कि शहर के बेहतर कल के लिए है। चंडीगढ़ के मूल चरित्र को ध्यान में रखते हुए शुरुआती सेक्टरों में कोई छेड़छाड़ न हो। प्लान पूरे ट्राईसिटी के लिए बने। रिंग रोड, व्यस्त जंक्शनों पर अंडरपास, पंजाब और हरियाणा के मिनी सचिवालयों को मोहाली और पंचकूला में स्थानांतरित किया जाए। दोनों राज्यों में हाई कोर्ट की बैंच बने। ट्रैफिक कमांड कंट्रोल सेंटर का ट्रैफिक साइनेज और मार्गदर्शन में उपयोग, पीक आवर्स के दौरान वन वे ट्रैफिक, लोगों के लिए पार्क एंड राइड की सुविधा को बढ़ावा देना।

विनोद वशिष्ठ, संयोजक, सिटी फोरम आफ रेजिडेंट्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन

चंडीगढ़ में मेट्रो ट्रेन को जल्द से जल्द चलाना चाहिए। मेट्रो चंडीगढ़ के भविष्य की आधारशिला बनेगी। जो लोग सिर्फ इस कारण से इसका विरोध कर रहे हैं कि सारा चंडीगढ़ मेट्रो के लिए खोद दिया जाएगा। मेट्रो की पुरानी डीपीआर में 37 किलोमीटर में से केवल 12 किलोमीटर को ही अंडरग्राउंड रखा गया था, बाकी 25 किलोमीटर एलिवेटिड था।

हरमेल केसरी, कांग्रेस नेता

मेट्रो केवल समय की बचत और रोड पर भीड़ को कम नहीं करेगी, बल्कि नौकरियों के अवसर भी पैदा करेगी। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे पैसे की बचत होगी वर्तमान के लिए नहीं भविष्य की सोचनी चाहिए। पुरानी बातों पर ही अटके रहे तो नया भारत कैसे बनेगा।

एसपी सिंह, फेज-7, मोहाली

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को बढ़ती भीड़ को देखते हुए मेट्रो या मोनो रेल पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। सभी प्रमुख मार्गों पर जाम रहने लगा है। दिल्ली, शिमला, पटियाला की तरफ जाने वाले पब्लिक परिवहन के लिए इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास बस स्टैंड बनाकर शहर में यातायात को कम करना चाहिए। गुरुग्राम से सोहना वाली सड़क पर पिल्लरों पर कई लेन सड़क बनाकर यातायात में कमी की हैं, यहां पर भी ऐसी परियोजना पर विचार किया जा सकता है।

बदन सिंह सहरावल, प्रधान, वरिष्ठ नागरिक कल्याण एसोसिएशन, रामदरबार

मेट्रो की कोई जरूरत नहीं है। चंडीगढ़ छोटा और सुंदर शहर है। नियम यह बने कि जिसके पास पार्किंग वही वाहन रख सकता है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और बेहतर करना चाहिए बसों के लिए इंतजार कम हो।

राकेश कुमार पाल, विकास नगर, चंडीगढ़

चंडीगढ़ ट्राईसिटी में भीड़ से निपटने के लिए वह मेट्रो का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। इसे बिना समय गंवाए शुरू करना चाहिए। जितनी देरी होगी प्रोजेक्ट की कीमत भी तेजी से बढ़ रही है।

सुरिंद्र कुमार, रिसर्च आफिसर

दस वर्ष में वाहनों की संख्या कई गुणा बढ़ चुकी है। कुछ वर्ष और बीते तो हालात बस से बाहर होंगे। इससे पहले ही मेट्रो रेल चलाने का काम शुरू होना चाहिए। इससे पेट्रोल पर होने वाला खर्च कम होगा प्रदूषण भी घटेगा।

केके शर्मा, मोहाली

मेट्रो चलाना बेहद जरूरी है। पहले फेज में इसे डेराबस्सी से बद्दी और हाई कोर्ट से मोरिंडा तक चलाया जाना चाहिए। इसके बाद अगले फेज में दूसरे सभी एरिया कवर करने चाहिए। एक्सपर्ट भी मेट्रो को ही ट्राईसिटी के लिए जरूरी बता रहे हैं।

प्रो. एसके बुद्धिराजा, सेवानिवृत प्रधानाचार्य।


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