Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Military Literature Festival 2023: रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने में भारतीय सेना है सक्षम, NCB सूट पूरी तरह स्वदेशी

भारतीय सेना रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने में भी सक्षम हैं। मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में इस तरह के कई आधुनिक हथियारों की नुमाइश की गई है। सेना ने अपने आर्टिलरी सेक्शन में अत्याधुनिक हथियारों तो रखे ही थे इसके साथ में न्यूक्लियर बायोलॉजिकल एंड केमिकल (Nuclear Biological and Chemical) प्रोटेक्शन सूट और आर्म्ड रेकी व्हीकल भी रखा हुआ था।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sun, 03 Dec 2023 05:32 PM (IST)
Hero Image
रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने में भारतीय सेना है सक्षम, Photo Jagran

विकास शर्मा ,चंडीगढ़। भारतीय सेना (Indian Army) रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने में भी सक्षम हैं। मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में इस तरह के कई आधुनिक हथियारों की नुमाइश की गई है। सेना ने अपने आर्टिलरी सेक्शन में अत्याधुनिक हथियारों तो रखे ही थे, इसके साथ में न्यूक्लियर बायोलॉजिकल एंड केमिकल (Nuclear Biological and Chemical)  प्रोटेक्शन सूट और आर्म्ड रेकी व्हीकल भी रखा हुआ था। खास बात यह है कि यह एनबीसी सूट और आर्म्ड रेकी व्हीकल पूर्णता स्वदेशी है।

अभी युद्धाभ्यास में हो रहे हैं इस्तेमाल

हवलदार आरिफ अली ने बताया कि आर्म्ड रेकी व्हीकल में सेंसर लगे हुुए हैं। यह पानी के अंदर, दलदल में और जमीनी स्तर पर चल सकता है। खास बात यह है कि परमाणु बम विस्फोट के बाद भी इससे मौके पर  रेकी की जा सकती है। इसमें ऐसे सेंसर लगे हुए हैं जो आपको टैंक के अंदर ही जानकारी दे देंगे।  बाहर कौन सी गैस, केमिकल या रेडिएशन हैं। इसके अलावा यह टैंक स्मोक फायरिंग कर खुद को छिपाने की क्षमता भी रखता है। आर्म्ड रेकी व्हीकल को वर्ष 2018 में सेना में शामिल किया गया था। अभी इसका इस्तेमाल किसी युद्ध में नहीं हुआ है। अभी हम युद्धाभ्यास के दौरान इस इस्तेमाल करते हैं। यह भविष्य की तैयारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

सेना की सामान्य वर्दी जैसा है यह एनबीसी सूट

हवलदार सुदर्शन कुमार ने बताया कि न्यूक्लियर बायोलॉजिकल एंड केमिकल सूट सेना की सामान्य वर्दी की तरह है। इसमें इंटीग्रेटिड हुड मास्क, रेस्पिरेटर, एनबीसी हैंड ग्लब्स इंनर, एनसीबी हैंड ग्लब्स आउटर, फेसलेट मास्क, एनबीसी जैकेट और एनबीसी ट्राउजर इस एनबीसी सूट में शामिल है। देखने में यह सामान्य सेना की वर्दी जैसा देखने में लगते हैं। सेना ने यह सूट भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार किया है। 

एनबीसी सूट पहनकर तैयार होने का अभ्यास कराया जाता है 

खास बात यह है कि इस सूट को पहनने के बाद परमाणु हमले के बाद होने वाले प्रभाव भी असर नहीं करते हैं, यह सूट आसानी से आग नहीं पकड़ता है, यह सूट काफी हल्का है और इसे 5 साल तक स्टोर किया जा सकता है, सेना ने इस सूट को 4 साइज में तैयार किया गया है, ताकि जवान अपने हाइट व साइज के हिसाब से पहन सकें। इसके साथ इसमें दवाइयों की किट भी शामिल है, जिसे सैनिक जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह दवाइयां खासतौर पर इन हमलों से होने वाली दिक्कतों से जुड़ी हैं। ट्रेनिंग के दौरान सैनिकों को 8 मिनट, 39 सेकेंड में एनबीसी सूट पहनकर तैयार होने का अभ्यास करवाया जाता है।