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दूध में मिलावट का खेल जारी, पंजाब में 76 मामले दर्ज, यूरिया-डिटर्जेंट से लोग हो रहे गंभीर रूप से बीमार

Punjab News स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 की बात करें तो पंजाब में 6041 में से 929 सैंपल फेल पाए गए। वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल में 1617 में 396 हरियाणा 3485 में से 856 राजस्थान में 18264 में से 3565 सैंपल फेल हुए। डॉक्टरों का कहना है कि इससे लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं।

By Kailash Nath Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 12 Aug 2024 10:35 PM (IST)
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punjab News: दूध में मिलावट का खेल जारी, लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। देश में दूध में सबसे अधिक मिलावट के मामले उत्तर प्रदेश में पकड़े गए हैं। इसके बाद केरल और तमिलनाडु का स्थान आता है। यह निष्कर्ष फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआइ) की ओर से तीन वर्ष में लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट के आधार पर निकला है।

मिलावटी दूध बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश ने मिलावट करने वालों के खिलाफ 1928 मामले दर्ज करवाए।

तमिलनाडू ने 944, केरला ने 737, महाराष्ट्र 191, बिहार 174, हरियाणा 117, पंजाब 76, राजस्थान 83, हिमाचल ने 8 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करवाए। दूध के पैकेट, उससे बने उत्पाद, मिठाई इसके अलावा बिस्कुट, पनीर, दही आदि के सैंपल लिए जाते है।

3712 सैंपल फेल

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023-24 की बात करें तो पंजाब में 6041 में से 929 सैंपल फेल पाए गए। वहीं, पड़ोसी राज्य हिमाचल में 1617 में 396, हरियाणा 3485 में से 856, राजस्थान में 18264 में से 3565 सैंपल फेल हुए।

रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब की अगर बात की जाए तो दूध व दूध से बने उत्पादों के 20988 सैंपल तीन साल में लिए गए, जिसमें 3712 सैंपल फेल हो गए।

हरियाणा में भी दूध में मिलावट जारी

राज्य में वर्ष 2022-23 में 8179 सैंपलों में से 1724 सैंपल फेल हुए थे। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 6768 सैंपल लिए गए जिस में से 1059 सैंपल फेल हुए। पड़ोसी राज्य हरियाणा में वर्ष 2022-23 में 4445 में से 1425, वर्ष 2021-22 में 4235 में से 1182 सैंपल फेल हुए। हिमाचल में वर्ष 2022-23 में से 2720, 729, वर्ष 2021-22 में 1745 में से 308 सैंपल फेल हुए।

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इन राज्यों में नहीं हुई कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में दूध और दूध से बने उत्पादों के 27750 में से 16183 सैंपल फेल पाए गए। तमिलनाडू में 18146 में से 2237 और केरल में 10792 में से 1297 सैंपल फेल पाए गए। रिपोर्ट में मिजोरम एक ऐसा राज्य है जहां पर कोई भी सैंपल नहीं लिया गया।

वहीं, 2023-24 में मणिपुर, मेघालय, मियोजरम, नगालैंड, उड़ीसा, पांडुचेरी में दूध के सैंपल तो लिए गए सैंपल फेल भी हुए लेकिन किसी के खिलाफ कोई आपारधिक मामला दर्ज नहीं करवाया गया।

दूध में पाया जा रहा है यूरिया और डिटर्जेंट

आम तौर पर दूध में पानी मिलाने की शिकायतें आम है, लेकिन पिछले कुछ सालों से दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए पानी की बजाय उसमें यूरिया, डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, माल्टोडेक्सट्रिन, पाउडर की मात्रा बढ़ी है। जोकि सेहत के लिए हानिकारक है।

दूध में फैट और सॉलिड नॉन फैट होता है। मिलावटखोरों की ओर से दूध में इस तरह की चीजें मिलाने का उद्देश्य दूध की मात्रा के साथ सॉलिड नॉन फैट (एसएनएफ) और फैट बढ़ाना है। दूध जल्दी खराब न हो इस लिए उसमें हाइड्रोजन पेराक्साइड और फार्मालिन मिलाया जाता है।

अमोनिया व यूरिया के कारण खराब हुए टेस्ट को ठीक करने के लिए उसमें आटा व स्टार्च मिलाया जाता है।

पेट की बिमारियां होती हैं

दूध में मिलावट बहुत खतरनाक है। यह धीरे धीरे व्यक्ति को पेट व अलग अलग बीमारियों में जकड़ती है। महिलाओं व लड़कियों की बात करें तो इस तरह के दूध के सेवन से उन में हारमोनल बदलाव आने शुरू हो जाते हैं।

बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है। मिलावटी दूध के सेवन से बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। जोकि धीरे-धीरे लीवर व अन्य अंगों को अपनी चपेट में ले लेती है।

डॉ. जीएस नागपाल, गैस्ट्रोलॉजिस्ट

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