Punjab Irrigation Scam: सिंचाई मंत्री ने दी क्लीन चिट, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- विजिलेंस की रिपोर्ट लाओ
अकाली-भाजपा सरकार में हुए कथित सिंचाई घोटाले की परतें फिर खुलने लगी है। इस मामले में मंत्री अफसरों को क्लिन चिट दे चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में विजिलेंस की रिपोर्ट मांग ली है।
जेएनएन, चंडीगढ़। अकाली-भाजपा सरकार के दौरान 1200 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में विभागीय जांच में क्लीन चिट दे दी गई है, लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इससे संतुष्ट नहीं बताए जा रहे। उन्होंने विभाग की ओर से क्लीन चिट देने वाली फाइल पर ही लिख दिया है कि इस पर विजिलेंस की रिपोर्ट भी लगाई जाए। मुख्यमंत्री के रवैये से साफ है कि इस घोटाले की गूंज आने वाले चुनाव में भी सुनाई देती रहेगी।
बता दें, सिंचाई विभाग ने पूर्व अकाली भाजपा-सरकार के दौरान किए गए कामों में हुए 1200 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में विभागीय जांच भी करवाई थी। इसमें सभी को क्लीन चिट दे दी गई है। सिंचाई मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया ने इसी साल के मार्च महीने में क्लीन चिट देने वाली फाइल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेज दी।
चूंकि इस घोटाले में विजिलेंस ब्यूरो ने केस दर्ज कर रखा है जिसका चालान फरवरी 2018 में मोहाली की अदालत में पेश किया था, इसलिए मुख्यमंत्री ने फाइल पर ही लिख दिया कि पहले विजिलेंस की ओर से क्लीन चिट लाओ। पिछले दो महीनों में विजिलेंस ने अभी तक इस केस में अपनी टिप्पणी नहीं दी है, बल्कि मोहाली की अदालत में ही केस लड़ा जा रहा है।
विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। विजिलेंस ब्यूरो ने फरवरी 2018 में इस केस में चालान पेश किया था, जिसमें मुख्य आरोपित गुरिंदर सिंह ठेकेदार है। इसके अलावा एक्सीयन गुलशन नागपाल, बजरंग लाल सिंह, चीफ इंजीनियर परमजीत सिंह घुम्मण, हरविंदर सिंह और गुरदेव सिंह को भी सह आरोपित बनाया गया है। 4500 पन्नों के इस चालान में शाहपुर कंडी, कंडी कनाल और होशियारपुर के गांव नाड़ा गांव में बनने वाले चक डैम का काम शामिल हैं, जिसमें घोटाला किए जाने की आशंका है।