लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में मोहाली के पुलिस अफसरों पर गिरी गाज, SP-DSP सहित कई अधिकारियों को नोटिस
लॉरेंस बिश्नोई Lawrence Bishnoi के पुलिस हिरासत में हुए इंटरव्यू मामले में मोहाली के पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी है। पंजाब सरकार ने एसएसपी एसपी डीएसपी और सीआईए इंचार्ज को नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी ने जांच के बाद दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं। अब सरकार ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के पुलिस हिरासत में हुए इंटरव्यू के मामले में पंजाब सरकार ने एसएसपी, एसपी, डीएसपी और सीआईए इंचार्ज को नोटिस जारी किया है। इनको सात दिनों में यह बताने के लिए कहा गया है कि उन्हें चार्जशीट क्यों न किया जाए।
पंजाब सरकार ने यह जानकारी मंगलवार को हाईकोर्ट में दी है। ऐसे में अब इन बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
हाईकोर्ट ने आदेश पर गठित की गई थी एसआईटी
लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत में हुए इंटरव्यू को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी गठित की गई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी ने दो इंटरव्यू को लेकर दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच आरंभ की थी। जांच के बाद एसआईटी ने बताया था कि एक इंटरव्यू खरड़ सीआईए थाने में हुआ था और दूसरा इंटरव्यू जयपुर की सेंट्रल जेल में।इस जानकारी के बाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा था कि दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई है। इस पर सरकार ने एसआईटी की रिपोर्ट न होने की बात कही थी। सरकार ने बताया था कि एसआईटी ने केवल हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपी है, वह भी सीलबंद। इस पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि पिछले आदेश में लिखवाया गया था कि इंटरव्यू खरड़ सीआईए थाने में हुआ था। हाईकोर्ट ने सरकार को कार्रवाई का आदेश दिया था।
15 अक्टूबर तक स्थगित हुई सुनवाई
सुनवाई आरंभ होते हुए पंजाब सरकार ने बताया कि तत्कालीन एसएसपी विवेक शील सोनी, एसपी अमरदीप सिंह बराड़, डीएसपी गुरशेर सिंह व सीआईए इंचार्ज शिव कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्हें सात दिन में यह बताने को कहा गया है कि क्यों न उनको चार्जशीट किया जाए।यह भी पढ़ें- अश्लीलता की हदें पार! गर्ल्स हॉस्टल के सामने शख्स उतार देता है कपड़े, छात्राओं की शिकायत के बाद हरकत में प्रशासन
हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि इन अधिकारियों को पब्लिक ड्यूटी से अभी तक क्यों नहीं हटाया गया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई को 15 अक्टूबर तक स्थगित कर दी और अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।सहायक पुलिस महानिरीक्षक (मुकदमेबाजी), ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन सरबजीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि इन पुलिस कर्मियों को 19 सितंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राज्य द्वारा यह कार्रवाई हाईकोर्ट के 12 सितंबर के आदेश के अनुपालन में की गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि इन अधिकारियों को पब्लिक ड्यूटी से अभी तक क्यों नहीं हटाया गया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई को 15 अक्टूबर तक स्थगित कर दी और अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।सहायक पुलिस महानिरीक्षक (मुकदमेबाजी), ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन सरबजीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि इन पुलिस कर्मियों को 19 सितंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राज्य द्वारा यह कार्रवाई हाईकोर्ट के 12 सितंबर के आदेश के अनुपालन में की गई है।