पंजाब से अधिक हरियाणा में होती है ड्रग्स से माैत
नशा को लेकर पंजाब बदनाम है और इसको लेेकर फिल्में भी बन रही हैं, लेकिन हकीकत चौंकनेवाला है। ड्रग से पंजाब की अपेक्षा हरियाणा में अधिक मौतें हो रही हैं। इसमें महाराष्ट्र टॉपर है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 26 Jul 2016 04:17 PM (IST)
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। ड्रग्स पंजाब में सामाजिक मुद्दे से ऊपर उठकर प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया है। नशे से देश में सबसे अधिक मौत महाराष्ट्र में हुई है लेकिन सियासी दल हंगामा पंजाब में कर रहे हैं। यही नहीं पड़ोसी राज्य हरियाणा में नशे से पंजाब से अधिक मौतें हुई हैं।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय की तरफ से पेश रिपोर्ट के अनुसार ड्रग्स से मौत के मामले में महाराष्ट्र नंबर वन है तो पंजाब का स्थान 12वां है। वहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा का स्थान 8वां हैं। रिपोर्ट में बताया गया हैं कि 2014 के दौरान देश में नशे के कारण कुल 3647 मौतें हुई हैं जिनमें से अकेले महाराष्ट्र में 1372 मौतें हुई। पंजाब में 38 मौतें हुईं जबकि हरियाणा में इस दौरान 86 मौतें हुईं। मंत्रालय की इस रिपोर्ट ने जहां पंजाब में अकाली दल-भाजपा को राहत दी हैं, वहीं कांग्रेस और आप ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि रिपोर्ट भले ही कुछ बोले लेकिन पंजाब की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ड्रग्स से रोजाना पंजाब में मौत हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में ड्रग्स से हो रही मौत की दर में कमी आई है। 2012 में जहां 91 मौतें हुई थी, वहीं 2013 में यह घटकर 66 और 2014 में 38 रह गई।
रेव पार्टियां महाराष्ट्र में होती हैं पंजाब में नहीं : सांपला सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रधान विजय सांपला का कहना है कि रिपोर्ट ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है। राजनीतिक पार्टियां पंजाब को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं ताकि वह अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक सके। पंजाब छोटा राज्य है। रेव पार्टियां महाराष्ट्र में होती हैं पंजाब में नहीं।
रेव पार्टियां महाराष्ट्र में होती हैं पंजाब में नहीं : सांपला सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रधान विजय सांपला का कहना है कि रिपोर्ट ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है। राजनीतिक पार्टियां पंजाब को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं ताकि वह अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक सके। पंजाब छोटा राज्य है। रेव पार्टियां महाराष्ट्र में होती हैं पंजाब में नहीं।
पंजाबियों से माफी मांगे विरोधी : चीमा अकाली दल के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा का कहना हैं कि पंजाब ड्रग्स को रोकता है, अगर ड्रग्स को पंजाब ने नहीं रोका होता तो महाराष्ट्र में ड्रग्स के मौत की संख्या और बढ़ जाती हैं। मंत्रालय की रिपोर्ट से विरोधी पार्टियों को सबक लेना चाहिए और उन्हें पंजाब के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
25000 से ज्यादा नशेड़ी क्यों हैं जेल में : जाखड़ कांग्रेस वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता सुनील जाखड़ का कहना हैं कि अगर पंजाब में ड्रग्स की समस्या नहीं हैं तो फिर 25000 से ज्यादा नशेड़ी जेल में क्या कर रहे हैं। मंत्रालय ने जो रिपोर्ट दी है वह विश्वसनीय नहीं है क्योंकि पंजाब में जितनी ड्रग्स की समस्या अधिक है।पढ़ें : अचानक घर में घुसी नशे में धुत्त अनजान युवती और फिर जो हुआ सबने देखाजमीनी हकीकत कुछ और : खैहरा आप के प्रवक्ता सुखपाल खैहरा का कहना है कि रिपोर्ट कुछ भी कहे लेकिन पंजाब की जमीनी हकीकत कुछ और हैं। रिपोर्ट का क्या हैं डिप्टी सीएम भी कई प्रकार की रिपोर्ट लेकर घूम रहे हैं। पंजाब में ड्रग्स की समस्या है, इसे कोई नहीं नकार सकता।यह हैं आंकड़े
राज्य -- मौत की संख्या
1. महाराष्ट्र : 1372
2. तमिलनाडु : 552
3. केरल : 475
4. मध्य प्रदेश : 305
5. तेलंगाना : 119
6. छत्तीसगढ़ : 99
7. आंध्र प्रदेश : 97
8. हरियाणा : 86
9. कर्नाटक : 83
10. गुजरात : 68
11.उत्तर प्रदेश : 44
12. पंजाब : 38पंजाब की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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1. महाराष्ट्र : 1372
2. तमिलनाडु : 552
3. केरल : 475
4. मध्य प्रदेश : 305
5. तेलंगाना : 119
6. छत्तीसगढ़ : 99
7. आंध्र प्रदेश : 97
8. हरियाणा : 86
9. कर्नाटक : 83
10. गुजरात : 68
11.उत्तर प्रदेश : 44
12. पंजाब : 38पंजाब की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें