'दिल्ली पैटर्न पर नहीं मिल सकती राहत', सांसद मनीष तिवारी ने हाउसिंग बोर्ड पर लोकसभा में पूछे सवाल; तो मिला ये जवाब
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (Chandigarh Housing Board) के मकानों में किए गए बदलाव और वित्तीय संकट को लेकर सांसद मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने लोकसभा में गृह मंत्रालय से सवाल किया है। जिसको लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद ने जवाब दिए हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड के द्वारा कुछ बदलावों को मंजूर किया गया है लेकिन प्रशासन दिल्ली पैटर्न पर राहत नहीं दे सकती है।
शहर में 68 हजार हाउसिंग बोर्ड के मकान
चार में से तीन प्रोजेक्ट्स किए होल्ड
इसके साथ ही यह जानकारी भी दी गई है कि हाउसिंग बोर्ड के कुल पास हुए चार प्रोजेक्ट है। जिनमें से एक प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है जबकि तीन प्रोजेक्ट प्रशासनिक कारणों के कारण होल्ड कर दिए गए हैं। मालूम हो कि पिछले साल ही प्रशासन ने सेक्टर-53 में लांच होने वाली हाउसिंग स्कीम को खारिज कर दिया था। इससे पहले आईटी पार्क में बनने वाले प्रोजेक्ट को भी स्थगित कर दिया था। इस समय प्रशासन ने अपनी तरफ से 3930 कर्मचारियों की हाउसिंग इंप्लाइज स्कीम को भी खत्म कर दिया था लेकिन कर्मचारियों ने 16 साल संघर्ष करने के बाद पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से प्रशासन से लड़ाई जीती।लेकिन अब प्रशासन हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रहा है। सांसद मनीष तिवारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड के मकान में रहने वाले लोगों को राहत देने के लिए वन टाइम नीति क्यों नहीं लाई जा सकती।यह भी पढ़ें: Chandigarh Seat: मनीष तिवारी के पास कितनी है संपत्ति? पत्नी को दिया ढाई करोड़ का लोन, मगर ज्वेलरी नहींदेश के छह राज्य पहले ही अपने यहां पर हाउसिंग बोर्ड के मकानों में हुए बदलाव को नियमित करने के लिए नीति ला चुके हैं तो चंडीगढ़ में इस तरह से वन टाइम पॉलिसी क्यों नहीं बन सकती। चंडीगढ़ में भी लोगों को राहत मिल सकती है लेकिन अफसरशाही इसके लिए तैयार नहीं है। गृह मंत्रालय ने जो राहत देने से इंकार किया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। राहत न देने से 95 फीसद हाउसिंग बोर्ड के मकानों में प्रशासन वायलेशन मानता है।
निर्मल दत्त, चेयरमैन, सीएचबी फेडरेशन