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पाकिस्‍तान जाकर नवजोत सिंह सिद्धू को याद आए अटल, जानिए- क्या कहा

नवजोत सिंह सिद्धू पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को अपना आदर्श कहते हैं व राजनीति में लाने का श्रेय देते हैं। वह उनके अंतिम संस्‍कार में नहीं गए, लेकिन उनको पाक जाकर अटल की याद आई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 19 Aug 2018 07:49 AM (IST)
पाकिस्‍तान जाकर नवजोत सिंह सिद्धू को याद आए अटल, जानिए- क्या कहा
जेएनएन, चंडीगढ़/अमृतसर। नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्‍तान पहुंच गए हैं। सिद्धू पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपना राजनीतिक आदर्श कहते हैं लेकिन उनके अंतिम संस्‍कार में न जाकर वह पूर्व क्रिकेटर व अपने मित्र इमरान खान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के समारोह में भाग लेने गए हैं। अलबत्‍ता उनको पाकिस्‍तान जाकर वाजपेयी की याद जरूर आई। उन्‍हाेंने कहा, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भारत-पाकिस्‍तान के बीच अमन चाहते थे। वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन जिंदगी यूं ही चलती रहती है। मैं यहां अमन का पैगाम लाया हूं।

वाजपेयी को कहते थे अपना आदर्श, लेकिन अंतिम संस्‍कार में नहीं गए

लाहौर जाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने वाघा बार्डर पर पाकिस्तानी मीडिया से खुलकर बात की और खुद को अमन का दूत बताया। सिद्धू बाेले, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जाने का बहुत अफसोस है। वाजपेयी भी भारत और पाकिस्तान के बीच अमन चाहते थे। इसीलिए वह बस लेकर लाहौर आए थे। वह कहा करते थे कि जब पड़ोस में आग लगी हो तो उसका ताप, मुझ तक भी आता है।

पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश से पूर्व हाथ हिलाते सिद्धू।

बोले- वाजपेयी भी कहते थे पड़ोस में आग लगी हो तो ताप मेरे तक आता है

उन्होंने कहा कि आज अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन जिंदगी यूं ही चलती रहती है। उन्होंने अमन की जो बात शुरू की थी, मैं उसे आगे बढ़ाने आया हूं। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भी पाकिस्तान से जाकर ही की थी जब वाजपेयी साहब के साथ बस में लाहौर आया था। अटल जी ने अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा और मुझे सांसद बना दिया।

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पाकिस्तान सीमा की ओर जाते नवजोत सिंह सिद्धू।

नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया कर्मियों के बार- बार कुरेदने के बावजूद राजनीति पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि कुछ काम सरकारों के होते हैं, उनमें दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए। इस दौरान वह इमरान खान की तारीफ करने से कतई नहीं चूके। उन्‍होंने इमरान खान की शान में खुद कसीदे पढ़े। उन्होंने कहा, मैं पाकिस्‍तान एक दोस्त के बुलावे पर आया हूं।

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अपने खास शायराना अंदाज में सिद्धू ने कहा,' प्यार, अमन ते खुशहाली दा रूप बण के, मेरा यार इमरान खान दिलदार जीवे।' उन्होंने कहा कि इमरान खान को क्रिेकेट खेलते हुए बरसों देखा है। वह कमजोरी को ताकत बनाना जानते हैं। आज इसी की पाकिस्तान को सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्रिकेटर हों या कलाकार वे फासले मिटाते हैं, एक दूसरे से जोड़ते हैं।

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वाघा बॉर्डर पर पाकिस्‍तान सीमा में प्रवेश करते नवजोत सिंह सिद्धू।

बता दें कि इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू आज दोपहर बाद पाकिस्तान रवाना हुए। वह वाघा बार्डर के रास्ते लाहौर के लिए रवाना हुए। वहां से सिद्धू इस्लामाबाद फ्लाइट से पहुंचे। सिद्धू ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि वह इमरान को तोहफे के रूप में पश्मीने का शॉल भेंट करेंगे। सिद्धू 15 दिनों के वीजा पर पाकिस्‍तान गए हैं।

पाकिस्‍तान सीमा में पहुंचने के बाद वहां के अधिकारियों से मिलते नवजोत सिंह सिद्धू।

इमरान खान ने अपने शपथ ग्रहण के लिए पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर और कपिलदेव को भी न्‍याेता दिया था। लेकिन, वे दाेनों तो वहां नहीं गए। सिद्धू ने पहले भी कहा था कि निमंत्रण मिला तो वह इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पाकिस्‍तान जरूर जाएंगे। इसके लिए उन पर निशाना भी साधा गया। पूरे विवाद में पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने उनका बचाव किया और सिद्धू के पाकिस्‍तान जाने को उनका निजी मामला बताया।

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