सिद्धू पर कैप्टन मेहरबान, पत्नी के बाद अब बेटे को मिला पद, राजनीति गरमाई
नवजोत सिंह सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह मेहरबान हैं। पत्नी को वेयरहाउस का चेयरपर्सन बनाए जाने के बाद अब उनके बेटे कर्ण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। कभी नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने का विरोध करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह अब उन पर खासे मेहरबान हो गए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले करीब एक महीने में सिद्धू को दो बड़े तोहफे दिए हैं। उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को वेयरहाउस का चेयरपर्सन बनाने के बाद कैप्टन सरकार ने अब सिद्धू के बेटे कर्ण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाया गया है। इस नियुक्ति पर पंजाब में राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस नियुक्ति को लेकर कैप्टन सरकार व सिद्धू पर निशाना साधा है।
बनाया असिस्टेंट एडवोकेट जनरल, पत्नी को पहले बनाया था वेयर हाउस का चेयरपर्सन
सिद्धू जब भाजपा से कांग्रेस में आए थे तो कैप्टन अमरिंदर सिंह बहुत खुश नहीं थे। यही कारण है कि उनके ज्वाइन करने के समय भी वे नहीं पहुंचे थे और राहुल गांधी ने सिद्धू को पार्टी ज्वाइन करवाई थी। कैप्टन सरकार में मंत्री बनने के बाद भी सिद्धू कई बार ऐसा बयान दे चुके हैं जिससे कैप्टन के लिए असहज स्थिति पैदा हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद सिद्धू का कद कांग्रेस में बढ़ा है। यही कारण है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनकी पत्नी के बाद बेटे को भी अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
नवजोत सिंह सिद्धू का परिवार पुत्र कर्ण सिद्धू, पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू और बेटी राबिया सिद्धू। (फाइल फोटो)
बता दें, पिछले एक महीने में सिद्धू के लिए यह तीसरी बड़ी खुशखबरी है। गत माह उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को वेयरहाउस का चेयरपर्सन बनाया गया था। उस समय यह कहा जा रहा था कि रोड रेज केस में यदि सिद्धू फंसते हैं तो इसकी एवज में उनकी पत्नी को पहले ही पद दे दिया गया है, लेकिन कुछ दिन बाद ही सिद्धू के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत भरा फैसला आया।
सुप्रीम कोर्ट ने उनको इस मामले में महज एक हजार जुर्माना लगाकर छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन साल की कैद की सजा को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को मारपीट का दोषी तो करार दिया, लेकिन गैरइरादतन हत्या के अारोप से बरी कर दिया।
परिवार के साथ नवजोत सिंह सिद्धू। (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट से मिली इस राहत के बाद सिद्धू का पार्टी में कद और बढ़ा। उन्हें राहत मिलने पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रियंका ने खुद उन्हें बधाई दी। इसके बाद सिद्धू सोनिया, राहुल व प्रियंका से मिलने पहुंचे। कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को पंजाब में भविष्य का नेता मानकर चल रही है। सिद्धू के रूप में कांग्रेस को पंजाब में एक और नया चेहरा मिला है। 2019 के चुनाव में सिद्धू पंजाब के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी पार्टी के स्टार प्रचारक हो सकते हैं।
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गरमा सकती है राजनीति
सिद्धू के बेटे कर्ण सिद्धू को कैप्टन सरकार द्वारा असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाए जाने के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीति गरमा सकती है। जब सिद्धू की पत्नी को वेयरहाउस का चेयरपर्सन बनाया गया था तब अकाली दल व आम आदमी पार्टी ने उन पर निशाना साधा था। विपक्षी दलों का कहना था कि सिद्धू बातों में हमेशा परिवारवाद का विरोध करते हैं, लेकिन अब खुद पारिवारिक सदस्यों को पद दिला रहे हैं। अब एक बार फिर बेटे को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाए जाने के बाद विपक्षी उन पर राजनीतिक हमला कर सकते हैं।
पंजाब ने की 28 लॉ अफसरों की नियुक्ति
बताया जाता है कि पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के केसों को लड़ने के लिए एडवोकेट जनरल कार्यालय में तीन एडिशनल, 14 असिस्टेंट और 11 डिप्टी एडवोकेट जनरलों को नियुक्त किया है। इनमें से एक सिद्धू के बेटे कर्ण सिद्धू भी हैं। उन्हें असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाया गया है।
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अनिल जोशी बोले- हर घर में नौकरी देने की जगह सभी नौकरियां एक ही घर में दे दी गई
सिद्धू के बेटे की इस नियुक्ति पर पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाजपा नेता अनिल जोशी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब सरकार ने तो हर घर में नौकरी देने का वादा किया था मगर पूरे पंजाब में अब तक किसी घर में नौकरी नहीं मिली, जबकि एक ही घर में सभी नौकरियां बांट दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब के नौजवान बेरोजगार हैं और हर कोई एक घर में कम से कम एक नौकरी मिलने की आस लगाए बैठा है मगर सिद्धू ने अपने घर के सभी सदस्यों को सरकारी नौकरियां व उच्च पदों पर बिठाकर सब कुछ अपने घर में ही समेट लिया है, जिससे इस उनका झूठा चेहरा पंजाब की जनता के सामने बेनकाब हो गया है।
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