Hit And Run Law: नए 'हिट एंड रन' कानून को लेकर देश में बवाल, ये है ट्रक-टैंकर ड्राइवरों के आग बबूला होने की असली वजह
पूरे देश में नए हिट एंड रन कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। अलग-अलग राज्यों में ट्रक व टैंकर ड्राइवर हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध में उत्तर भारत में ट्रकों के पहिये थम गए हैं। हालांकि यह कानून ट्रक ड्राइवरों तक ही सीमित नहीं है तो फिर आखिर इसे लेकर ट्रक चालक ही क्यों विरोध कर रहे हैं। आइए समझते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नए 'हिट एंड रन' कानून को लेकर पूरे देश में ट्रक ड्राइवरों ने चक्का जाम कर दिया है। इसे लेकर विरोध में उत्तर भारत में ट्रकों के पहिये थम गए हैं। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में लगातार प्रदर्शन जारी है।
यहां तक कि लोगों को पेट्रोल और डीजल की किल्लतों का भी सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल की ही बात करें तो यहां 80 प्रतिशत पेट्रोल पम्पों में तेल नहीं है। अब चर्चा का विषय यह है कि आखिर इस नए कानून को लेकर ट्रक-टैंकर ड्राइवर ही क्यों विरोध करते हैं। आइए जानते हैं...
'हिंट एंड रन' के नए कानून में क्या है?
दरअसल, नए कानून के अनुसार अगर ट्रक-टैंकर ड्राइवर किसी को कुचलने के बाद नहीं रुकते और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने या पुलिस प्रशासन को सूचना दिए बिना भाग जाते हैं तो उन्हें 10 साल तक की कैद होगी और उनपर 7 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर साल 50 हजार लोगों की सड़क पर हिट एंड रन के मामलों में मौत हो जाती है। अब तक कानून के मुताबिक, हिट एंड रन केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और बेल मिल जाती थी।ट्रक और बस ड्राइवर क्यों हड़ताल कर रहे हैं?
अगर वाहन से कोई हादसा होता है और कोई कुचला जाता है तो ऐसे में जो नया कानून है वह ड्राइवर के लिए मुश्किल यह है कि हादसे के बाद वह मौके पर रुकते हैं तो भीड़ हिंसक हो सकती है, उनकी जान को खतरा हो सकता है और अगर वह भागते हैं तो कानून के मुताबिक 10 साल तक की कैद होगी और उनपर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। ट्रक-टैंकर का ड्राइवरों का कहना है कि कई बार उनकी गलती नहीं होती है लेकिन फिर भी उन पर दोष मढ दिया जाता है क्योंकि बड़े वाहन हैं।
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