Chandigarh: निहंग बाबा फकीर सिंह ने 1858 में बाबरी मस्जिद में किया था हवन, अब आठवां वंशज अयोध्या में लगाएगा लंगर
बाबा हरजीत सिंह अयोध्या में लंगर लगाकर हिंदू-सिखों की एकता और कट्टरपंथियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि राम मंदिर के लिए पहली लड़ाई किसी हिंदू ने नहीं बल्कि सिखों ने लड़ी थी। इसी के चलते ही अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निहंग बाबा फकीर सिंह के आठवें वंशज बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर लंगर लगाएंगे।
By Inderpreet Singh Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 17 Dec 2023 10:44 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Harjeet Singh Rasoolpur Will Organise Langar In Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निहंग बाबा फकीर सिंह के आठवें वंशज बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर लंगर लगाएंगे। अयोध्या प्रशासन ने उन्हें लंगर लगाने की अनुमति दे दी है।
बाबा हरजीत सिंह अयोध्या में लंगर लगाकर हिंदू-सिखों की एकता और कट्टरपंथियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि राम मंदिर के लिए पहली लड़ाई किसी हिंदू ने नहीं बल्कि सिखों ने लड़ी थी। पहली एफआईआर भी किसी हिंदू पर नहीं बल्कि सिखों के विरुद्ध दर्ज किया गया था।
25 निहंग सिखों ने मस्जिद के ढांचे पर किया था कब्जा
बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर बताया कि 1858 में निहंग बाबा फकीर सिंह के नेतृत्व में 25 निहंग सिखों ने बाबरी मस्जिद ढांचे पर कब्जा किया था। 25 दिनों तक वह यहां पर रहे। इस दौरान निहंग सिखों ने यहां पर भगवान राम की पूजा की और हवन किया। बाबा फकीर सिंह के कब्जे को छुड़ाने के लिए 30 नवंबर 1858 को तत्कालीन अवध थाने में एफआईआर दर्ज की गई। जोकि निहंग बाबा फकीर और उनके साथियों के खिलाफ थी।रसूलपुर ने बताया कि उसके बाद अंग्रेजों ने निहंग सिखों पर अत्याचार किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी 9 नवंबर 2019 को दिए गए अपने फैसले में 30 नवंबर 1858 को दर्ज हुई एफआईआर का हवाला दिया है। जोकि पहला कानूनी दस्तावेज था।
पत्रकारों से की बातचीत
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वह बाबा फकीर सिंह के 8वें वंशज है। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वजों की भी भगवान राम के प्रति सच्ची श्रद्धा व आस्था थी। उनकी भी है। इसलिए वह 10 जनवरी से अयोध्या में लंगर लगाएंगे। जोकि अटूट रूप से 2 माह तक चलता रहेगा।ये भी पढ़ें- Sidhu Moosewala के पिता ने फिर सरकार पर लगाए इंसाफ न मिलने के आरोप, बोले- सरकार से उसकी तरक्की देखी नहीं गईउन्होंने कहा कि निहंग सिंह होने के नाते जितना सिख धर्म के प्रति उनकी आस्था है, उतनी ही श्रद्धा उनकी सनातन धर्म में भी है। आज सिख धर्म को हिंदू धर्म से अलग करके देखने वाले कट्टरपंथियों को यह जान लेना चाहिए कि राम मंदिर के लिए पहली एफआईआर हिंदुओं के विरुद्ध नहीं बल्कि सिखों के विरुद्ध दर्ज की गई थी।
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