'अभी नहीं दी कोई जमीन', गुलाब चंद कटारिया के बयान से और गहराया हरियाणा विधानसभा जमीन का विवाद
चंडीगढ़ में हरियाणा की नई विधानसभा के लिए जमीन आवंटन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि अभी किसी भी जमीन का आवंटन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का एक प्रस्ताव लंबे समय से लंबित है और जब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हो जाता।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में हरियाणा की नई विधानसभा के लिए जमीन आवंटन से पहले उपजे विवाद के बीच पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अभी किसी जमीन का आवंटन नहीं हुआ है। हरियाणा का पहले से ही एक प्रस्ताव लंबे समय से लंबित है। जब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हो जाता, तब तक इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है।
प्रशासक ने यह बयान मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में पूछे गए सवाल के जवाब में दिया। यह मामला पहले से ही पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में बड़ा विवाद बन चुका है। इसको देखते हुए प्रशासक कटारिया ने अभी इस विषय पर इतना ही कहा है।
प्रशासन से अब आसानी से मिल जाएगी जमीन
मालूम हो कि केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में सुखना लेक के ईको सेंसेटिव जोन को लेकर एक अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में पंचकूला की ओर एक किलोमीटर का दायरा ईको सेंसेटिव जोन में रखा गया है।चंडीगढ़ को हरियाणा ने जो जमीन बदले में देनी है, वह ईको सेंसेटिव जोन के दायरे से बाहर हो गई है। इसके बाद हरियाणा सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हरियाणा विधानसभा के लिए जमीन अब प्रशासन से आसानी से मिल जाएगी।
अधिसूचना जारी होने के बाद विवाद खत्म
ईको सेंसटिव जोन में आने से मामला अटक रहा था। बदले में हरियाणा चंडीगढ़ आइटी पार्क के साथ लगती सकेतड़ी के पास 12 एकड़ जमीन देगा। कहा गया कि अधिसूचना जारी होने के बाद उसका विवाद खत्म हो गया है।ऐसे में अब जमीन की अदला-बदली की नीति लागू हो जाएगी, जबकि प्रशासन का शहरी योजना विभाग अदला-बदली की नीति पर सवाल उठा चुका है। उसका कहना है कि मास्टर प्लान 2030 में इसके संबंध में कोई भी नीति नहीं है।
योजना विभाग ने यह भी आपत्ति जताई है कि रेलवे स्टेशन के पास जो 10 एकड़ जमीन विधानसभा भवन बनाने के लिए दी जानी है, वह प्राइम लोकेशन पर है जबकि इसके बदले में सकेतड़ी की 12 एकड़ जमीन भी इतनी महत्वपूर्ण नहीं है। इस जमीन के बीच से एक नाला भी गुजर रहा है।
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