जेल या बेल? अब परसों होगा अमृतपाल के किस्मत का फैसला, हाईकोर्ट ने स्थगित की सुनवाई
कट्टरपंथी सिख और खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने सवाल उठाए। अमृतपाल की याचिका में कई गलतियां थी जिसको लेकर हाईकोर्ट ने निर्दलीय सांसद के वकील को याचिका में सुधार का आदेश देते हुए परसों तक सुनवाई स्थगित कर दी है। अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Punjab News: असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी सिख और खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह ने एनएसए के तहत हिरासत अवधि बढ़ाने के पंजाब सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए रिहाई की मांग की है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने अमृतपाल की याचिका में गलतियों पर सवाल उठाया। इसके बाद हाईकोर्ट ने अमृतपाल के वकील को गलतियां दूर करने का आदेश देते हुए परसों तक सुनवाई स्थगित कर दी है।
क्या है पूरा मामला
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमृतपाल की याचिका में उसके घर का पता व माता पिता के नाम सही नहीं है।हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू व जस्टिस अनिल खेत्रपाल पर आधारित बेंच ने अमृतपाल के वकील को याचिका में इस तकनीकी गलती को ठीक करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 31 जुलाई तक स्थगित कर दी।
क्या है अमृतपाल की याचिका में?
अमृतपाल के अनुसार, उसके खिलाफ सभी कार्रवाई असंवैधानिक, कानून के खिलाफ और राजनीतिक असहमति के कारण दुर्भावनापूर्ण हैं और उन आधारों पर नहीं हैं जिनके आधार पर निवारक हिरासत का आदेश दिया जा सकता है और इसलिए इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।अपनी याचिका में, अमृतपाल ने कहा है कि न केवल एक साल से अधिक समय तक निवारक हिरासत अधिनियम को लागू करके, बल्कि उसे पंजाब से दूर हिरासत में रखकर असामान्य और क्रूर तरीके से उसका जीवन और स्वतंत्रता पूरी तरह से छीन ली गई है।यह भी पढ़ें: Punjab News: खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल का भाई गिरफ्तार, ड्रग्स के साथ जालंधर पुलिस ने पकड़ा
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