Chandigarh: 'HSGMC की वोटर सूची से गैर सिखों को हटाया जाए', SGPC के अध्यक्ष धामी ने गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त से की मांग
Chandigarh News शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर धामी से गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त से मांग की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले मतदाता सूची से गैर सिखों के नाम हटाए जाएं। एचएसजीएमसी के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा राजनीतिक पार्टियों के साथ कोई मीटिंग किए बिना जल्दबाजी में की गई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एचएसजीएमसी) की चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले मतदाता सूची से गैर सिखों के नाम हटाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि सूची में मतदाताओं की तस्वीरें लगानी चाहिए।
जल्दबाजी में की गई मीटिंग- धामी
अकाली दल के मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए धामी ने कहा, 'एचएसजीएमसी के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा राजनीतिक पार्टियों के साथ कोई मीटिंग किए बिना जल्दबाजी में की गई है।' उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को पंजीकृत करने व चुनाव चिन्ह के आवंटन के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया और इसे सिखों के प्रतिनिधि शिरोमणी अकाली दल को पंजीकरण से वंचित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, 'इसे तत्काल ठीक किया जाना चाहिए।'
गुरुद्वारा चुनावों में मतदान पात्र नहीं
एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि मतदान सूचियों को देखने पर बड़ी संख्या में गैर-सिख के नामों होने का पता चला है, जो गुरुद्वारा चुनावों में मतदान के पात्र नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मतदाताओं की तस्वीरें मतदाता सूची में शामिल नहीं की गई हैं, जिससे वास्तविक मतदाताओं की पहचान करना मुश्किल हो जाएगा और इसके कारण गड़बड़ी हो सकती है।यह भी पढ़ें: Punjab: तीन केंद्रीय मंत्रियों की टीम ने किसानों से की मुलाकात, CM मान भी बैठक में रहे मौजूद; MSP सहित कई मांगों पर हुई चर्चाधामी ने कहा कि चुनाव मे वोट डालने के लिए पूरे राज्य में केवल 390 बूथ निर्धारित किए गए हैं। इसका मतलब है कि औसतन बीस गांवों के मतदाताओं को एक बूथ पर वोट करना होगा। इससे मतदाताओं को असुविधा होगी।
एसजीपीसी का प्रतिनिधित्व चार से घटाकर 2 कर दिया गया- धामी
एसजीपीसी अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया कि एसजीपीसी ने श्री हजूर साहिब के पुनर्गठन के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि बोर्ड में नामांकित सदस्यों की संख्या दो से बढ़ाकर 12 कर दी गई, जबकि बोर्ड में एसजीपीसी का प्रतिनिधित्व चार से घटाकर 2 कर दिया गया है।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: पंजाब में तैयारी तेज, चुनाव में AAP उतार सकती है पार्टी के बड़े चहेरे; असमंजस में मंत्री
धामी ने कहा, 'यह बोर्ड के सरकारी अधिग्रहण के समान है, जिसकी पूरी सिख संगत निंदा कर रही है। हम महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हैं कि सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस फैसले को तत्काल वापिस लिया जाए।' इस अवसर पर वरिष्ठ नेता सिकंदर सिंह मलूका और सुरजीत सिंह रखड़ा भी मौजूद थे।
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