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पंजाब में फर्जी एनकाउंटर मामले में फंसे पुलिस अधिकारियों पर गिरेगी गाज, हाई कोर्ट का आदेश

पंजाब में फर्जी एनकाउंटर के मामले में अब पुलिस के अफसरोें पर कार्रवाई होगी। राज्‍य में फर्जी एनकाउंअर मामलों में फंसे पंजाब पुलिस के अधिकारियों पर गाज गिरेगी। इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अधिकारियों द्वारा याचिकाओं को रद कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 08:27 AM (IST)
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हाईकाेर्ट के आदेश के बाद पंजाब में अब फर्जी मुठभेड़ में फंसे अफसरों पर कार्रवाई होगी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में अब फर्जी मुठभेड़ के मामले में फंसे पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरेगी और उनके खिलाफ जल्‍द कार्रवाई की गई। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस संबंध में आदेश में कहा है कि 1992-94 तक पंजाब में युवाओं के गायब होने व लावारिस दाह संस्कार से संबंधित मामलों की जांच के लिए सीबीआइ की जम्मू शाखा का अधिकार क्षेत्र को अवैध नहीं माना जा सकता है।

हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। ये सभी अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इन अधिकारियों पर निर्दोष लोगों की हत्या की सीबीआइ ने आरोप तय किए थे। ऐसे में अब जिन मामलों में हाई कोर्ट में याचिका लंबित रहते ट्रायल पर रोक लगी थी उनकी दोबारा सुनवाई आरंभ होगी। ऐसे में बड़ी संख्या में अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।

हाईकोर्ट में दाखिल विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से सीबीआई द्वारा जम्मू कश्मीर में दर्ज केस को चुनौती दी गई थी। याचिका में बताया गया कि पटियाला की सीबीआई कोर्ट ने उनकी उस अर्जी को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने केस के जम्मू-कश्मीर में दर्ज होने की बात कही थी।

याचिका में कहा गया कि मामले पंजाब के हैं जबकि सीबीआइ ने केस जम्मू कश्मीर में दर्ज किया है। ऐसे में यह उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहींं आता है। इसक साथ ही यह भी कहा गया कि यदि केस जम्मू कश्मीर में दर्ज हुआ तो पटियाला की सीबीआई अदालत इसे कैसे सुन सकती है। अर्जियों में चार्टशीट खारिज करने की तथा केस को समाप्त करने की अपील की गई थी। सीबीआई कोर्ट ने इन सभी अर्जियों को सिरे से खारिज कर दिया था और सीबीआई की कार्रवाई को सही करार दिया था। इस फैसले के खिलाफ सभी पुलिस अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई की कुछ विशेष विंग होती हैं जिनका अधिकारक्षेत्र पूरा देश है। ऐसे में यह कहना गलत है कि सीबीआई ने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर एफआईआर दर्ज की है।

पंजाब पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में लावारिस लाशों के दाह संस्कार व फर्जी एनकाउंटर के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 नवंबर 1995 मे प्राथमिक जांच का सीबीआई को आदेश दिया था। आदेश के अनुरूप प्राथमिक जांच के बाद 1997 में एफआईआर दर्ज की गई थी और 1999 में चालान पेश कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक इन मामलों में विभिन्न कारणों से ट्रायल लंबित रहे।