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Punjab: अब जुर्माना चुकाने में असमर्थ कैदी नहीं काटेंगे जेल में दिन, रिहाई के लिए केंद्र की ओर से मुहैया करवाई जाएगी राशि

Punjab News पंजाब में अब जुर्माना चुकाने में असमर्थ कैदी जेल में दिन नहीं काटेंगे। केंद्र ने ऐसे जरूरतमंद कैदियों के लिए एक योजना बनाई है। योजना के तहत जमानत के लिए राशि केंद्र की ओर से दीजाएगी। इसके लिए केंद्र ने पंजाब सरकार को पत्र लिखा है। साथ ही इस संबंधी गाइडलाइन को तय समय में पूरे करने के आदेश दिए हैं।

By Rohit KumarEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 05 Nov 2023 01:32 PM (IST)
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अब जुर्माना चुकाने में असमर्थ कैदी नहीं काटेंगे जेल में दिन (सांकेतिक फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य की जेलों में बंद जो कैदी जुर्माना चुकाने में असमर्थ है और इस कारण जेलों में बंद है। अब ऐसे कैदियों को जेलों में नहीं रहना पडे़गा। ऐसे कैदी जल्द ही जेलों से बाहर आएंगे। इसके लिए केंद्र की ओर से एक योजन तैयार की गई है। ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार मददगार बनेगी।

कैदियों के लिए बनाई योजना

केंद्र ने ऐसे जरूरतमंद कैदियों के लिए एक योजना बनाई है। योजना के तहत जमानत के लिए राशि केंद्र की ओर से दीजाएगी। इसके लिए केंद्र ने पंजाब सरकार को पत्र लिखा है। साथ ही इस संबंधी गाइडलाइन को तय समय में पूरे करने के आदेश दिए हैं।

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ध्यान रहे कि इस समय 26 जेल हैं। इनमें केंद्रीय, जिला व स्पेशल वूमेन जेल शामिल हैं। इनमें 30 हजार से भी अधिक कैदी बंद हैं। इसमें कई कैदी ऐसे भी हैं जो लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने में असमर्थ हैं। ऐसे में वे जेलों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं, जबकि ऐसा न होने से उनके अधिकारों को हनन हो रहा है।

आर्थिक मदद के लिए गाइडलाइन बनाई

वहीं, केंद्र सरकार ने कैदियों को रिहाई के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद के लिए गाइडलाइन बनाई है। इसके मुताबिक अब जिला स्तर पर एक कमेटी गठित होगी। जो इन कैदियों के सारे केसों का आकलन करेगी। इसके बाद जुर्माने के भुगतान के लिए जो राशि निकाली जाएगी वे डीसी के आदेश पर निकलेगी।

जल्‍द होगी कार्रवाई शुरू

केंद्र सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि उम्मीद है कि इस दिशा में जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी। साथ ही सारी जानकारी उनसे शेयर की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने बजट में इंतजाम किया था। इसके पीछे कोशिश यही है कि लोगों को जेलों से बाहर लाकर मुख्य धारा से जोड़ा जाए। राज्य की जेलों में ऐसे कितने कैदी इसको लेकर डाटा तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है।

14 जेलों में आज की जरूरतों के हिसाब से यूनिट लगाए गए

ध्यान रहे कि ही में केंद्र सरकार ने देश की आजादी से पहले बने जेल अधिनियम 1894 और कैदी अधिनियम की 1900 की समीक्षा की थी। इसके बाद माडल जेल अधिनियम 2023 को जेल प्रबंधन और प्रशासन को लागू करने के लिए भेज दिया है।

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साथ ही इस संबंधी आदेश सभी जिलों को जारी किए गए हैं। इस से पहले राज्य सरकार की तरफ से 14 जेलों में आज की जरूरतों के हिसाब से यूनिट लगाए गए हैं। इनमें फर्नीचर, बेकरी प्रोडक्ट बनाने तक की यूनिट शामिल हैं। इसके अलावा कुछ जेलों में पेट्रोप पंप तक स्थापित किए गए हैं।

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