अब पंजाब में कांग्रेस के लिए बड़ी चिंता बने सुनील जाखड़, मनाने घर पहुंचे हरीश चौधरी को मिली नाकामी
Punjab Assembly Election 2022 पंजाब में कांग्रेस के लिए अब सुनील जाखड़ बड़ी चिंता बन गए हैं। कांग्रेस को राज्य में हिंंदू वोट बैंक चिंता है और इसके मद्देनजर जाखड़ अहम नेता हैं। जाखड़ को मनाने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी उनके घर गए लेकिन वह नाकाम रहे।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 25 Nov 2021 09:53 PM (IST)
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Assembly Election 2022: पंजाब में कांग्रेस के लिए अब पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ चिंतााका विषय बन गए हैं। पार्टी जाखड़ को मनाने में जुटी है, लेकिन वह सफल नहीं हो पा रही है। दरअसल, हिंदुओं को दूर होता देख कांग्रेस अब हिंदू नेताओं पर कार्ड खेलने की तैयारी में है। इसी कारण जाखड़ को मनाने के साथ कांग्रेस विधानसभा के स्पीकर राणा केपी को प्रचार कमेटी और अंबिका सोनी को को-आर्डीनेशन कमेटी का इंचार्ज बनाने की तैयारी में है। सुनील जाखड़ पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे है। जाखड़ को मनाने के लिए बुधवार रात पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी उनके आवास पर पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे तक हुई बातचीत के बावजूद वह जाखड़ को मनाने में नाकामयाब रहे।
हिंदुओं पर दांव खेलने की तैयारी में कांग्रेसजानकारी के अनुसार सुनील जाखड़ पार्टी को पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नीचे काम नहीं कर सकते हैं। यही कारण है कि जाखड़ ने उपमुख्यमंत्री बनने की पेशकश को भी अस्वीकार कर दिया था। यह पेशकश खुद राहुल गांधी ने जाखड़ को दी थी। जाखड़ तब से ही पार्टी की किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं ले रहे है। वहीं, कांग्रेस की परेशानी यह भी है कि पंजाब में हिंदू वर्ग उनके दूर हो गया है। ऐसे में हिंदू वर्ग को जोड़ने के लिए उनके पास सबसे बड़ा कार्ड सुनील जाखड़ ही थी।
राणा केपी प्रचार कमेटी और अंबिका सोनी को कोआर्डीनेशन कमेटी का इंचार्ज बनाने की तैयारीपार्टी के सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस जाखड़ को यह भी पेशकश दे चुकी है कि वह एआइसीसी में आ जाएं और पंजाब में सक्रिय हों लेकिन पूर्व प्रदेश प्रधान ने इस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जाखड़ पिछले दिनों विदेश गए हुए थे। उनके आने के बाद बुधवार को हरीश चौधरी उनसे मिलने के लिए उनके निवास स्थान पर गए। जानकारी के अनुसार हरीश चौधरी तकरीबन डेढ़ घंटे से अधिक समय तक जाखड़ के साथ बैठक करते रहे। चौधरी उन्हें पार्टी में सक्रिय होने के लिए मनाने की कोशिश करते रहे। सूत्र बताते हैं कि जाखड़ ने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि वह पार्टी में ही है और रहेंगे लेकिन चन्नी के साथ काम नहीं कर पाएंगे।
यह भी पढ़ें: कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब में 'विलेन' बनााएगी कांग्रेस, जानें क्या बनाई खास रणनीतिवहीं, कांग्रेस हिंदुओं को तवज्जो देने में जुटी हुई है। इसी क्रम में राणा केपी को चुनाव प्रचार कमेटी का इंचार्ज बनाने की तैयारी है। राणा केपी सिंह पिछले दिनों पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले थे। वहीं, पार्टी और सरकार के बीच कोई नया विवाद न हो इसके लिए कांग्रेस अंबिका सोनी को को-आर्डीनेशन कमेटी का इंचार्ज बनाना चाहती है। इससे न सिर्फ वरिष्ठ नेता को एडजस्ट किया जा सकेगा और दूसरा हिंदुओं को भी प्रतिनिधित्व दिया जा सकेगा।
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