Haryana: एक अधिकारी सेवा से बर्खास्त, दूसरा निलंबित; जानें उच्च न्यायालय की फुल कोर्ट ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
Punjab and Haryana High Court एक न्यायिक अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है जबकि दूसरे की सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया है। यह फैसला कार्यवाहक चीफ जस्टिस रितु बाहरी और हाई कोर्ट के जजों की फुल कोर्ट बैठक में लिया गया। पिछले साल अक्टूबर से तीन न्यायिक अधिकारियों की सेवाओं को निलंबित कर दिया है जबकि दो को बर्खास्त कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक न्यायिक अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है जबकि दूसरे की सेवाओं को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय कार्यवाहक चीफ जस्टिस रितु बाहरी और हाई कोर्ट के जजों की फुल कोर्ट बैठक में लिया गया।
कोर्ट ने हरियाणा कैडर के अधिकारी न्यायिक सेवा से किया बर्खास्त
फुल कोर्ट ने हरियाणा कैडर के अधिकारी अनमोल सिंह नायर को न्यायिक सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है जबकि पंजाब कैडर के अधिकारी तरसेम मंगला की सेवाओं को निलंबित कर दिया है। तरसेम मंगला परिवार न्यायालय फरीदकोट के प्रधान जिला न्यायाधीश हैं।
हरियाणा कैडर के अधिकारी अनमोल सिंह नायर जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण में सचिव के रूप में तैनात हैं। जिला जज द्वारा मामले की नियमित विभागीय जांच किए जाने के बाद नायर के न्यायिक सेवा में बने रहने से संबंधित मुद्दा फुल कोर्ट के समक्ष विस्तृत चर्चा के लिए आया था।
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जानें फुल कोर्ट क्या है मतलब
फुल कोर्ट बैठक का शाब्दिक अर्थ है, वह बैठक जिसमें हाई कोर्ट के सभी जज बैठक में भाग लेते हैं। यह न्याय प्रदान करने से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों और अधीनस्थ न्यायपालिका से संबंधित न्यायिक अधिकारियों और अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से आयोजित की जाती है।ऐसी बैठकों के दौरान स्थानांतरण, पोस्टिंग, पदोन्नति और न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जैसे निर्णय लिए जाते हैं। किसी भी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई से पहले हाई कोर्ट अपनी विजिलेंस कमेटी से जांच करवा कर उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करती है।
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