पंचकूला में वाईफाई बंद और उड़ गए मोबाइल सिग्नल, कंपनियों को कोसने लगे लोग, जानें क्या है माजरा
Mobile Signal Problem Panchkula पंचकूला में मोबाइल नेटवर्क की परेशानी हो रही है। कुछ मोबाइल कंपनियों के सिग्नल ही नहीं आ रहे हैं। मंगलवार को दिनभर लोगों को इस परेशानी से जूझना पड़ा। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर माजरा क्या है।
By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Wed, 02 Feb 2022 07:54 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पंचकूला। Mobile Signal Problem Panchkula: पंचकूला में उस समय हलचल मच गई जब एकाएक लोगों के घरों में लगे वाईफाई और मोबाइल फोन ने काम करना ही बंद कर दिया। लोगों को समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ तो हुआ क्या कि मोबाइल फोन के नेटवर्क (सिग्नल बार) उड़ गए। वाईफाई ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद लोग मोबाइल कंपनियों को भी कोसने लगे। इन दिनों ज्यादातर लोग कोरोना की वजह से वर्क फ्राम होम हैं। ऐसे में उन लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग माजरा जानने के लिए दूसरे नेटवर्क के मोबाइल फोन से एक-दूसरे को फोन करने लगे। पूरा दिन बीत जाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
बता दें कि नगर निगम ने कुछ प्राइवेट मोबाइल कंपनियों पर कार्रवाई की है। मंगलवार को निगम ने सेक्टर-9, 11 और 21 में मोबाइल टावर की ऑप्टिकल फाइबर केबल ही काट दी और उसके बाद उन्हें सील कर दिया है। केबल कटते ही कंपनियों में हड़कंप मच गया और निगम के अधिकारियों को उच्चाधिकारियों और नेताओं के फोन कॉल्स आना शुरू हो गए। अधिकारियों को धमकाकर मोबाइल टावर की लाइनें जोड़ने के लिए कहा गया। केबल कटने के बाद कई घरों में वाईफाई और फोन भी बंद हो गए, जिससे दिनभर गहमागहमी का माहौल बना रहा। दरअसल निगम ने ये कार्रवाई उन प्राइवेट मोबाइल कंपनियों पर की है जिनसे निगम को करोड़ों रुपये का बकाया लेना है। यह कंपनियां अपना बकाया नहीं चुका रही थीं, जिस पर यह कार्रवाई हुई है।
पूरे शहर में विभिन्न मोबाइल कंपनियों के 318 टावर
मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा कि किसी भी कीमत पर बकाया राशि लिए बिना लाइंस जोड़ी नहीं जाएंगी और यह प्रक्रिया अब आगे भी चलती रहेगी। शहर में एयरटेल, वोडाफोन, बीएसएनएल, एटीसी, इंडस और जीओ कंपनी के कुल 318 टावर लगे हैं, लेकिन उक्त कंपनियों द्वारा वर्ष 2016 के बाद निर्धारित शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के मेयर का कार्यभार संभालने के बाद बीते एक साल में लगभग 10 करोड़ रुपये मोबाइल कंपनियों से टावर्स और लीज लाइन की फीस के रूप में रिकवर किए गए हैं। जीओ कंपनी के टावर्स से संबंधित 21 फाइलों का रिकॉर्ड नगर निगम कार्यालय में उपलब्ध नहीं था। इसी प्रकार इंडस कंपनी की 16 फाइल, एयरटेल की 13, वोडाफोन की 18 फाइल, बीएसएनएल की 3 और एटीसी की 16 फाइलों से संबंधित रिकॉर्ड गायब है, जिसे तुरंत ढूंढकर बकाया राशि वसूली जाएगी।
मोबाइल कंपनियों पर 100 करोड़ रुपये का बकाया
मेयर ने कहा कि बड़ी-बड़ी मोबाइल कंपनियों द्वारा लाइन बिछाने के बाद सड़कों पर गड्ढों को पूरी तरह से भरा नहीं जाता, जिससे लोगों को असुविधा होती है। ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि शहर में मोबाइल टावर और लीज लाइन का लगभग 100 करोड़ रुपये बकाया है। संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी कर भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। नगर निगम को चलाने के लिए फंड्स की काफी आवश्यकता है और सरकार द्वारा भी हिदायतें दी जा चुकी हैं कि नगर निगम में अपने स्तर पर फंड्स जुटाए, इसलिए जहां पर करोड़ों रुपये नगर निगम के फंसे हुए हैं, उसे लेने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाएगा।
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