हरियाणा का मिनी कैपिटल बन चुका है पंचकूला
एक नवंबर 1966 को हरियाणा निर्माण के बाद 15 अगस्त 1995 को पंचकूला जिला बना था। अब पंचकूला हरियाणा की मिनी राजधानी के तौर पर जाना जाता है। हरियाणा निर्माण के बाद ही पंचकूला की अहमियत खास रही
By JagranEdited By: Updated: Sun, 31 Oct 2021 11:49 PM (IST)
राजेश मलकानियां, पंचकूला
एक नवंबर 1966 को हरियाणा निर्माण के बाद 15 अगस्त 1995 को पंचकूला जिला बना था। अब पंचकूला हरियाणा की मिनी राजधानी के तौर पर जाना जाता है। हरियाणा निर्माण के बाद ही पंचकूला की अहमियत खास रही, क्योंकि चंडीगढ़ के साथ सटा होने के कारण हर आम से लेकर खास पंचकूला जरुर आता था। कई सरकार आई और गई, लेकिन पंचकूला के विकास को गति जरूर मिली। इसके पीछे एक कारण पंचकूला में राजनीतिज्ञों का आकर रुकना रहा। प्रदेश के हर कोने से नेता चंडीगढ़ आते हैं, तो पंचकूला में किसी होटल, गेस्ट रूम या रेस्ट हाउस में रुकते हैं। रहने के लिए भी वीआइपी लोगों की पहली पसंद पंचकूला है, क्योंकि यहां साफ, स्वच्छ एवं सुंदरता सभी को आकर्षित करती है।
प्रदेश सरकार पंचकूला में अंतरराष्ट्रीय सब्जी मंडी, एजुकेशन सिटी, मेडिसिटी और पिजौर में फिल्म सिटी का निर्माण करने जा रही है। मोरनी की कायाकल्प के लिए एडवेंचर्स खेलों की शुरुआत हो चुकी है। जिले व शहर की सड़कों का कायाकल्प हो गया है। शहर को व्यवस्थागत तरीके से आगे बढ़ाने के लिए जहां चंडीगढ़ की तर्ज पर यहां साइकिल चलाने के लिए अलग व्यवस्था की गई है। चौक-चौराहों की सुंदरता का खास ध्यान रखा जा रहा है। कार्यालयों में रहता है आवागमन
हरियाणा सरकार के अधिकतर कार्यालय पंचकूला में ही हैं। सेक्टर-2 एवं 4, 5 में ज्यादातर कार्यालयों की स्थापना की गई है। इसलिए चंडीगढ़ और पंचकूला का आपसी कनेक्शन आजतक कम नहीं हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भाजपा प्रभारी थे, तब उनका अधिकतर समय पंचकूला में बीता है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता से उनके आत्मीय रिश्ते हैं। स्पीकर के प्रयासों और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में माता मनसा देवी और नाडा साहिब गुरुद्वारे के लिए करीब 50 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की थी। 250 करोड़ रुपये की लागत से आयुष विश्वविद्यालय यहां बनाया जा रहा है। निफ्ट का निर्माण अंतिम चरण में लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी (एनआइएफटी) का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अब इसका उद्घाटन जल्द हो जाएगा। आइटी पार्क बनाया
सेक्टर-22 में एचएसआइआइडीसी की ओर से आइटी पार्क का निर्माण किया गया। हालांकि गुरुग्राम की तर्ज पर इसका विकास नहीं हो पाया, लेकिन कुछ कंपनियों ने यहां पर रुचि दिखाई और अपने कार्यालय स्थापित किए। रेस्ट हाउस भी है विशेष आकर्षण सेक्टर 1 में बना पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस वीआइपी लोगों की खास पसंद बन गया है। बड़े अधिकारी और राजनीतिज्ञ अब इसी रेस्ट हाउस रुकना पसंद करते हैं। किसान भवन सेक्टर 14 के प्रति भी लोगों का रुझान रहता है। इस चार मंजिला विश्राम गृह में 107 कमरे है। बनेगी एजूकेशन सिटी चंडीमंदिर एरिया में 127 एकड़ में एजुकेशन सिटी बनाने की योजना है। मेडीसिटी प्रोजेक्ट के तहत तीन बड़े अस्पतालों मैक्स, फोर्टिस और मेदांता आदि की चेन यहां खोलने के लिए नीलामी प्रक्रिया चल रहा है। विश्वविद्यालय खोलने के लिए डीएवी और एसडी संस्थाओं ने पंचकूला में खास रुचि दिखाई है। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) खोलने की दिशा में भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। पीएमडीए बनने के बाद जगी बहुत आशाएं प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम व फरीदाबाद की तरह पंचकूला में भी मेट्रोपालिटिन अथारिटी बनाकर संदेश दियौ कि वह इस शहर के विकास को लेकर खासी गंभीर है। अभी तक बिल्डर मोहाली और जीरकपुर में ही पैसा लगाने की सोच रखते रहे हैं। नई इंडस्ट्री और शापिग कांप्लेक्स के अलावा रिहायशी सुविधाओं के लिए भी मोहाली बिल्डरों की पहली पसंद रहा है, लेकिन जब से सरकार ने पंचकूला में तमाम तरह के शुल्क में भारी कटौती कर जमीनों के रेट खासे सस्ते कर दिए हैं, बिल्डर और डेवलपर्स का सुझाव पंचकूला की तरफ बढ़ने लगा है।
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