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Paramjit Panjwar: पंजाब में आतंकवाद को हवा दे रहा था परमजीत पंजवड़, ISI के इशारे पर चलाता था पूरा नेटवर्क

भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवड़ की शनिवार को पाकिस्तान के लाहौर में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। पंजवड़ पंजाब के तरनतारन के गांव पंजवड़ का रहने वाला था जो झब्बाल थाने के अंतर्गत आता है।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaPublished: Sat, 06 May 2023 05:59 PM (IST)Updated: Sat, 06 May 2023 05:59 PM (IST)
पंजाब में आतंकवाद को हवा दे रहा था परमजीत पंजवड़

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के मुखिया परमजीत सिंह पंजवड़ की पाकिस्तान के लाहौर के जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में गोलियां मारकर हत्या दी गई। अज्ञात हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया। पंजवड़ पंजाब के तरनतारन के गांव पंजवड़ का रहने वाला था, जो झब्बाल थाने के अंतर्गत आता है। पंजाब पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, आधिकारिक तौर पर पंजवड़ के मारे जाने की कोई जानकारी नहीं आई है। इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है।

बता दें कि पंजवड़ लगभग तीन दशक से ज्यादा समय से पाकिस्तान में रह रहा था। परमजीत सिंह की कोई ताजा तस्वीर पंजाब पुलिस के पास नहीं है। पुलिस के पास उसकी करीब 40 साल पुरानी तस्वीर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में जिन 9 आतंकियों की सूची जारी की गई थी उनमें पंजवड़ का नाम आठवें स्थान पर था। पंजवड़ 90 के दशक में पाकिस्तान में भाग गया था।

80 के दशक में बना KCF

पंजाब में आतंकवाद के दौरान में 80 के दशक में मनबीर सिंह चिहेडू ने केसीएफ (Khalistan Commando Force) बनाया। मनबीर के साथ लाभ सिंह और कंवरजीत सिंह सुल्तानविंड जुड़े। पंजवड़ की केसीएफ में एंट्री 1986 में हुई। अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के साथ पंजवड़ केसीएफ में शामिल हो गया। इससे पहले, पंजवड़ सोहल के कोऑपरेटिव बैंक में काम करता था। इस दौरान सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में लाभ सिंह मारा गया। जिसके बाद 1990 के दशक में पंजवड़ ने केसीएफ की कमान संभाली।

पंजाब में हथियारों-ड्रग्स की सप्लाई करवाता था पंजवड़

परमजीत सिंह पंजवड़ पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में ड्रग्स व हथियारों की तस्करी में शामिल रहा है। इससे आने वाले पैसे से ही उसने केसीएफ को जीवित रखा। साल 2020 में पंजाब के तरनतारन में शौर्यचक्र विजेता बलविंजर सिंह संधू की हत्या कर दी गई थी। इसमें भी पंजवड़ का भूमिका सामने आई थी। संधू ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम जिम्मेदारी निभाई थी और माना जाता है कि इसी वजह से पंजवड़ ने उसका कत्ल करवाया।

पासपोर्ट कार्यालय में ब्लास्ट, पूर्व जनरल की हत्या

वहीं 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास ब्लास्ट करवाने में भी पंजवड़ का ही हाथ था। पंजवड़ पर भारतीय सेना के पूर्व जनरल एएस वैद्य की हत्या का आरोप भी लगा। पंजवड़ 1987 में लुधियाना के मिलरगंज स्थित पंजाब नेशनल बैंक में 5 करोड़ 70 लाख रुपये की डैकेती में भी शामिल था।

गंभीर मामलों में था पंजवड़ का नाम

पंजवड़ के खिलाफ 1989 से 1990 तक कत्ल के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हुए। इसके अलावा दो से ज्यादा मामले टाडा (TADA) के तहत दर्ज किए गए थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इसके अलावा राज्य के अलग-अलग जिलों में कई मामले दर्ज हैं।

गैंगस्टरों की कर रहा था मदद

परमजीत सिंह पंजवड़ पाकिस्तान में मौजूद बब्बर खालसा इंटरनेशल (Babbar Khalsa International) के चीफ वधावा सिंह, इंडियन सिख यूथ फेडरेशन के प्रधान लखबीर सिंह रोडे के साथ मिलकर पंजाब में फिर आतंकवाद को हवा दे रहा था। पंजाब में सक्रिय 'ए' व 'बी' कैटेगरी के गैंगस्टरों की भी पंजवड़ की ओर से मदद की जाती थी। केंद्रीय एजेंसियों के अलावा पंजाब की काउंटर इंटेलिजेंस इनका नेटवर्क तोड़ने में लगी है।


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