25 साल तक सीएम की कुर्सी संभाली, विरोधियों के लिए लगवाए थे तंबू; पढ़िए स्व. प्रकाश सिंह बादल से जुड़े कुछ रोचक किस्से
प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) अपनी शालीनता के लिए हमेशा ही याद किए जाते है। बादल विधानसभा में भले ही बतौर मुख्यमंत्री हो या विपक्ष के नेता के तौर पर। वह सामने वाले को बोलने का पूरा मौका देते थे। वहीं विधान सभा भले चार घंटे चले या आठ घंटे बादल अपनी सीट पर ही बैठे रहते थे और सारी बहस को पूरी गंभीरता के साथ सुनते थे।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Fri, 08 Dec 2023 11:32 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में 5 बार मुख्यमंत्री की कमान संभालने वाले प्रकाश सिंह बादल का जन्मदिन (Prakash Singh Badal Birth Anniversary) है। 25 अप्रैल, 2023 के दिन 95वें वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था। 8 दिसंबर, 1927 को जन्मे प्रकाश सिंह बादल अपनी वाकपटुता व सहनशीलता को लेकर हमेशा ही याद किए जाते हैं। बादल 1947 में आजादी के समय राजनीति में आ गए थे। इसके 10 वर्ष बाद 1957 में वह पहली बार विधानसभा का चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।
शालीनता के लिए हमेशा याद किए जाएंगे
प्रकाश सिंह बादल अपनी शालीनता के लिए हमेशा ही याद किए जाते है। बादल विधानसभा में भले ही बतौर मुख्यमंत्री हो या विपक्ष के नेता के तौर पर। वह सामने वाले को बोलने का पूरा मौका देते थे। वहीं, विधान सभा भले चार घंटे चले या आठ घंटे बादल अपनी सीट पर ही बैठे रहते थे और सारी बहस को पूरी गंभीरता के साथ सुनते थे।
परछाई की तरह साथ रहे डॉ दलजीत चीमा
बादल के साथ लंबे समय तक परछाई की तरह रहने वाले पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा कहते हैं ‘बादल साहब हमेशा ही लोगों के दिलों में रहेंगे। उन्होंने पंजाब में सभी धर्म और भाईचारे को एक साथ रखने में जो काम किया वह सराहनीय है। उनकी सोच थी कि पंजाब में भाईचारक सांझ रहेगी तो पंजाब का विकास होगा।हर विधायक के सुझाव को करते थे नोट
बादल साहब ने हमेशा ही पंजाब की शांति के लिए काम किया। किसानों को फ्री बिजली देनी हो या बुढ़ापा पेंशन या सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं यह सभी मुख्यमंत्री रहते हुए प्रकाश सिंह बादल की ही देन थी। डॉ. चीमा ने कहा कि वह विपक्ष में हो या मुख्यमंत्री विधान सभा की सारी बहस को सुनते थे। बादल साहब की यह खासियत थी कि वह हरेक विधायक द्वारा दिए गए सुझाव को नोट जरूर करते थे। यही सारी बातें उन्हें बाकी लोगों के अलग बनाती थी। बादल भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी सोच हमेशा ही लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी।
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- उम्र के लिहाज से देखा जाए तो प्रकाश सिंह बादल देश के कद्दावर नेताओं में से एक थे। उन्होंने 1996 से लेकर 2008 तक शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद को भी संभाला है।
- प्रकाश सिंह बादल 43 साल की उम्र में पंजाब के सीएम बन गए थे और उस समय मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठने वाले वह सबसे युवा सीएम रहे हैं।
- प्रकाश सिंह बादल का सीएम के पद का कार्यकाल 2017 में पूरा हुआ जब वे 90 साल के थे। वह देश के इकलौते सबसे उम्रदराज सीएम रहे हैं।
- बात केंद्र सरकार की हो तो बता दें कि वह चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में भी कृषि मंत्री रहे थे। 1980 के बाद से उनका पूरा फोकस पंजाब की राजनीति और पंजाब की जनता पर ही रहा।
- देखा जाए तो प्रकाश सिंह बादल वैसे तो शिरोमणि अकाली दल के नेता थे, लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर पंजाब की सत्ता भी हासिल की थी।
- अपने आखिरी और पांचवें सीएम के कार्यकाल में भी वह अपनी सूझबूझ से विपक्षी नेताओं को मात दे देते थे। एक बार तो कांग्रेस के नेताओं ने उनके आवास के सामने धरना दे दिया था और ठीक ऐसा ही आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी किया था। अपने आवास के सामने उन्होंने खुद धरना देने वाले नेताओं के लिए तंबू लगवा दिए थे। उन्होंने खुद धरना देने वाले नेताओं का स्वागत किया था।