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'एक बेटे के तौर पर मेरा मन...', प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन पर भावुक हुए सुखबीर बादल; सोशल मीडिया पर लिखी इमोशनल पोस्ट

पंजाब की सियासत का जाना-माना चेहरा और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का आज जन्मदिन (Prakash Singh Badal Birth Anniversary) है। सुखबीर सिंह बादल ने उनके जन्मदिन पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि मेरे लिए अत्यंत पीड़ा के क्षण हैं क्योंकि यह मेरे जीवन में पहली बार है कि मेरे पिता सरदार प्रकाश सिंह बादल साहब अपने जन्मदिन पर हमारे बीच मौजूद नहीं हैं।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 08 Dec 2023 02:15 PM (IST)
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प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन पर भावुक हुए सुखबीर बादल
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। Parkash Singh Badal Birthday: पंजाब की सियासत के 'बाबा बोहड़' कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल आज भले ही हमारे बीच न हों लेकिन उनकी कमी हमेशा खलेगी। शिरोमणि अकाली दल आज उनके जन्म दिवस को सद्भावना दिवस के तौर पर मना रही है।

दिग्गज नेता प्रकाश सिंह बादल का जन्म आज ही के दिन 1927 में हुआ था। उनके जन्म दिवस के मौके पर उनके बेटे और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट किया है। अपने पिता के जन्मदिन पर न होने से वे दुखी हैं।

जन्मदिन पर पिता के न होने से दुखी सुखबीर बादल

सुखबीर बादल ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ये मेरे लिए अत्यंत पीड़ा के क्षण हैं क्योंकि यह मेरे जीवन में पहली बार है कि मेरे पिता सरदार प्रकाश सिंह बादल साहब अपने जन्मदिन पर हमारे बीच मौजूद नहीं हैं।

'एक बेटे के तौर पर मेरा मन भर गया'

एक बेटे के तौर पर मेरा मन भर गया है। उन्होंने मुझे हमेशा पंथ और पंजाब के उत्थान के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया। मैं बादल साहब के दिखाए रास्ते पर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लेता हूं। सुखबीर बादल ने कहा कि  अगर मैं बादल साहब की जीवन यात्रा का कुछ शब्दों में वर्णन करूं तो यह कहा जाएगा कि वह एक राष्ट्रवादी थे जो अपने देश और कौम के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार थे।

हमेशा सरबत दा भला सोचा- सुखबीर

सुखबीर बादल ने आगे कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष नेता जो हमेशा सरबत दा भला के बारे में सोचते थे। एक डेमोक्रेट जिसने सभी प्रकार की राय सुनी। एक व्यक्ति जो अपनी समय की पाबंदी और सरलता के लिए जाना जाता है। अंत:करण तक विनम्र. एक ऐसा व्यक्ति जो वास्तव में राज नहीं सेवा की कहावत पर विश्वास करता था।

नेता ने  कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसने पंजाब की संस्कृति और विरासत को संरक्षित किया, गरीबों की स्थिति को सुधारा और अपने वादों को पूरा किया। आज जब मैं सुबह उठा और प्रकाश सिंह जी बादल के कमरे में गया तो मैं भावुक हो गया।

'बादल साहब थे एक सदाबहार पेड़'

हालांकि जब मैं कीर्तन समागम में पहुँचा और संगत की भावनाओं को देखा, तो मुझे एहसास हुआ कि वह अपने लोगों को मुझसे भी ज्यादा प्यार करते थे। बादल साहब वास्तव में एक सदाबहार पेड़ थे जिसने पूरे 'क्वोम' को सहायता प्रदान की।

सुखबीर बादल ने कहा कि पांच बार मुख्यमंत्री रहे एस प्रकाश सिंह जी बादल की आदमकद प्रतिमा को किल्लियांवाली गांव में एक स्मारक पर लोक नायक चौधरी देवी लाल जी के साथ स्थापित करने के साथ आज दो भाई एकजुट हुए।

बादल साहब अपने आजीवन मित्र से जुड़ गए हैं, जिनके साथ उनका भाई-बहन से भी अधिक मजबूत रिश्ता था। अब यह स्थान सचमुच पूर्ण हो गया है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दोनों परिवारों के बीच का यह बंधन हर पीढ़ी के साथ और मजबूत हो। इसे संभव बनाने के लिए भाई अजय चौटाला जी और दुष्‍यंत चौटाला जी को मेरा आभार।

पूर्व सीएम को याद करते हुए भावुक हुईं हरसिमरत

वहीं, हरसिमरत कौर बादल ने भी पूर्व सीएम को याद किया है और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए भावुक पोस्ट लिखी है। उन्होंने कहा कि आज हम आपको बहुत याद कर रहे हैं।

आज हम सभी को दुख है क्योंकि यह पहली बार है कि वह जन्मदिन पर हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनके आदर्श और यादें हमें हमेशा गौरवान्वित करती रहेंगी। हमने बादल साहब से बहुत कुछ सीखा है।

हरसिमरत कौर ने प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिन पर क्या लिखा?

हरसिमरत कौर ने लिखा कि वह उस बरगद के पेड़ की छाया हैं जिसने जीवन भर पंथ, पंजाब और पंजाबियत के लिए काम करते हुए किसानों-मजदूरों, हर धर्म और हर वर्ग का भला सोचा है। मैंने हमेशा बादल साहब को अपने मार्गदर्शक के रूप में देखा और उनके दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश की।

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पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल से जुड़ी कुछ खास बातें

  • उम्र के लिहाज से देखा जाए तो प्रकाश सिंह बादल देश के कद्दावर नेताओं में से एक थे। उन्होंने 1996 से लेकर 2008 तक शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद को भी संभाला है।
  • प्रकाश सिंह बादल 43 साल की उम्र में पंजाब के सीएम बन गए थे और उस समय मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठने वाले वह सबसे युवा सीएम रहे हैं।
  • प्रकाश सिंह बादल का सीएम के पद का कार्यकाल 2017 में पूरा हुआ जब वे 90 साल के थे। वह देश के इकलौते सबसे उम्रदराज सीएम रहे हैं।
  • बात केंद्र सरकार की हो तो बता दें कि वह चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में भी कृषि मंत्री रहे थे। 1980 के बाद से उनका पूरा फोकस पंजाब की राजनीति और पंजाब की जनता पर ही रहा।
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