'पंजाब में AAP खो चुकी अपना आधार, इसलिए कांग्रेस से...', राजा वड़िंग के बाद प्रताप सिंह बाजवा की खरी-खरी
Punjab Politics पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री भगवंत मान व्यवहार कर रहे हैं वह पूरी तरह से अनैतिक और अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब कांग्रेस के किसी भी नेता ने आप के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर कभी बयान जारी नहीं किया है।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब कांग्रेस कैडर की भावनाएं आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किए बिना 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के पक्ष में हैं।
बाजवा (Partap Singh Bajwa) ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने राज्य इकाई को पंजाब के लोगों, कांग्रेस कैडर और कार्यकर्ताओं के मूड़ का आकलन करने की आजादी दी है। उन्होंने कहा कि कैडर और कार्यकर्ताओं सहित पंजाब कांग्रेस का विचार है कि राज्य में आप के साथ हमारा कोई संबंध नहीं है और हम 2024 का आम चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।
बाजवा ने कहा कि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आप की जीत एक राजनीतिक प्रयोग था जो बुरी तरह विफल रहा है। इस बीच पंजाब की जनता आप सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में इनसे छुटकारा पाना चाहती है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने से राज्य की सत्ता पर काबिज होने के बाद भी आप कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए बेताब है।
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'आप नेतृत्व ही ऐसे बयान दे रहा है'
बाजवा ने आगे कहा कि पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के किसी भी नेता ने आप के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर कभी बयान जारी नहीं किया है। जबकि आप नेतृत्व ही ऐसे बयान दे रहा है क्योंकि वे पंजाब में अपना आधार खो चुके हैं।
'मुख्यमंत्री झूठ बोलने से नहीं हिचकिचाते'
उन्होंने कहा कि जिस तरह से आप सरकार, खासकर मुख्यमंत्री भगवंत मान व्यवहार कर रहे हैं, वह पूरी तरह से अनैतिक और अस्वीकार्य है। पंजाब के मुख्यमंत्री पंजाब की जनता से झूठ बोलने से नहीं हिचकिचाते। आप ने प्रदेश को आर्थिक अराजकता में डाल दिया है। आम आदमी पार्टी के शासनकाल में पंजाब में कानून व्यवस्था चरमरा गई है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए आम आदमी पार्टी के महत्व को पहले ही देख चुके हैं। बाजवा ने कहा कि छह माह पहले पंचायतें भंग कर लोकतंत्र का गला घोंटने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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