रोम के कुख्यात शासक नीरो से पंजाब CM की तुलना; प्रताप सिंह बाजवा बोले- भगवंत मान सबसे असंवेदनशील मुख्यमंत्री
पंजाब में बाढ़ से उत्पन्न हुई स्थिति पर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की तुलना रोम के कुख्यात शासक नीरो से कर दी है। उन्होंने ये भी कहा कि भगवंत मान पंजाब के अब तक के सबसे असंवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने पंजाब की जनता के मुकाबले छत्तीसगढ़ में पार्टी की रैली को तरजीह दी।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Punjab Politics विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की तुलना रोम (Rome) के सबसे कुख्यात शासकों में से एक नीरो (Nero) से करते हुए रविवार को कहा कि जब रोम जल रहा था तो नीरो बांसुरी बजा रहा था। इसी तरह पंजाब के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ में पार्टी के विस्तार के लिए रैली कर रहे हैं जबकि पंजाब अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी प्रशासन द्वारा किए गए अपर्याप्त इंतजामों के कारण पंजाब के लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में काफी परेशानी उठानी पड़ी। भगवंत मान पंजाब के अब तक के सबसे असंवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने पंजाब की जनता के मुकाबले छत्तीसगढ़ में पार्टी की रैली को तरजीह दी।
दो भाइयों की आत्महत्या के मामले में क्या बोले बाजवा
विपक्ष के नेता ने आप सरकार के दौरान दो भाइयों द्वारा गोइंदवाल साहिब पुल से ब्यास नदी में कूदकर आत्महत्या करने के बाद पंजाब पुलिस की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जालंधर पुलिस के एसएचओ ने कथित तौर पर एक भाई का अपमान किया है। बताया जा रहा है कि एसएचओ ने एक भाई को थप्पड़ मारा और उसकी पगड़ी उतार दी। जिससे दोनों भाई काफी परेशान हो गए और आत्महत्या कर ली।
बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पुलिस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करना चाहिए और आईपीसी की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।
'हमेशा फोटो खिंचवाने के मौके तलाशते रहते हैं'
बाजवा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा अपने वादों से मुकरने का एक और उदाहरण सामने आया है। बाढ़ ने विशेषकर पंजाब में कृषि क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी, जिसके बाद आप सरकार प्रत्येक किसान को पांच एकड़ तक क्षतिग्रस्त फसल के लिए राहत देने की योजना बना रही है। बाजवा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की मदद करने की बजाय हमेशा आत्म-प्रचार के लिए फोटो खिंचवाने के मौके तलाशते रहते हैं। यह बात होशियारपुर जिले में उनके फर्जी रेस्क्यू वीडियो से साबित हो चुकी है।