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Punjab Congress Discord: पंजाब कांग्रेस में चरम पर कलह, अब मंत्री भी अपनी सरकार पर उठा रहे सवाल, पार्टी नेतृत्व मौन

Punjab Congress Discord पंजाब कांग्रेस में कलह बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के नेता अपनी ही पार्टी की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अब बागी नेताओं के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी ने भी अपनी सरकार पर सवाल उठा दिए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 12 May 2021 10:54 AM (IST)
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पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ की फाइल फोटो।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]।  Punjab Congress Discord: पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस की अंतरकलह अब सतह पर आने लगी है। कोटकपूरा गोलीकांड मामले को लेकर कांग्रेस के तीन मंत्री व दो सांसद कैप्टन सरकार को घेर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दलित मुद्दों के पर सरकार को घेरने में जुट गए हैं। पंजाब कांग्रेस में इस घमासान को लेकर हाईकमान चुप है, वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ भी पूरी तस्वीर से गायब नजर आ रहे हैं।

कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर पहले विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था। अब कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और गुरप्रीत कांगड़ भी कैप्टन के खिलाफ खड़े हो गए हैं। राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू का साथ भी उन्हें मिलने लगा है।

बाजवा व मंत्री आठ साल बाद आए करीब

आठ साल में यह पहला मौका है जब बाजवा की मंत्रियों के साथ दूरियां मिटी हों। मौके की नजाकत को देखते हुए रंधावा ने भी बाजवा से नजदीकी बढ़ा ली है। जबकि 2015 में जब बाजवा कांग्रेस के प्रदेश प्रधान थे तब उनका सबसे ज्यादा विरोध भी माझा में ही हुआ था और रंधावा विरोध करने वालों में शामिल थे। यह भी बताने योग्य है कि बिट्टू के भी कैप्टन के साथ मधुर संबंध नहीं रहे।

रंधावा के साथ नजदीकियों को लेकर बाजवा का कहना है कि राजनीति में एक ही स्थान पर ठहरा नहीं जा सकता है। आज कांग्रेस को बचाने और लोगों से किए गए वादे पूरे करने की जरूरत है। हम किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि हमारा उद्देश्य मुख्यमंत्री के किए वादों को पूरा करवा है।

चन्नी की अहम भूमिका

एक अन्य पहलू यह भी है कि इस पूरे घटनाक्रम में चरणजीत सिंह चन्नी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। यह चर्चा भी है कि चन्नी ने पटियाला में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बैठक की थी। उसके बाद धीरे-धीरे सभी नेताओं को एक मंच पर लाया गया। मौके की नजाकत को देखते हुए चन्नी ने मंगलवार को ही कांग्रेस के दलित विधायकों के साथ बैठक भी की। ठीक एक साल पहले 15 मई, 2020 को भी चन्नी ने अपनी सरकारी कोठी पर दलित मंत्रियों व विधायकों के साथ बैठक की थी।

इस बैठक में एजेंडा दलितों को लेकर लंबित पड़े मुद्दों का था लेकिन तब स्थिति अलग थी। उस समय एक्साइज पालिसी को लेकर कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह के विवाद हो गया था। जिसके बाद वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और चन्नी ने बैठक छोड़ दी थी। बाद में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने चन्नी को धमकी दे दी थी कि कैप्टन उनकी 'मी टू' की फाइल खोल सकते हैं।

कैबिनेट में ही सुलग गई थी चिंगारी

पार्टी सूत्र बताते हैं कि इस कलह की नींव पिछले महीने हुई कैबिनेट बैठक में ही पड़ गई थी। उसमें रंधावा और जाखड़ ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा दिया था। इसी बैठक में कैप्टन ने करीब सभी मंत्रियों को लताड़ भी लगाई थी। इस कारण कई मंत्री कैप्टन से नाराज हो गए हैं।

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