Patiala News: जर्जर हालत में है पटियाला का ऐतिहासिक शीश महल, मेंटेन नहीं कर पा रही पंजाब सरकार
पटियाला का ऐतिहासिक शीश महल (Patiala HIstorical Sheesh Mahal) जर्जर हालत में पहुंच गया है जिसे मेंटेन रखने की जिम्मेदारी सरकार की थी लेकिन सरकार जिम्मेदारी नहीं निभा रही | शीश महल के संरक्षण को लेकर दाखिल हुई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
By Inderpreet Singh Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Tue, 28 Nov 2023 11:00 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पटियाला का ऐतिहासिक शीश महल जर्जर हालत में पहुंच गया है, जिसे मेंटेन रखने की जिम्मेदारी सरकार की थी, लेकिन सरकार जिम्मेदारी नहीं निभा रही | शीश महल के संरक्षण को लेकर दाखिल हुई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
जनहित याचिका में बताया गया है कि 1964 में बने एक्ट व संधि के तहत शीश महल की देख रेख नहीं की जा रही जिसकी वजह से विश्व स्तरीय स्मारक खंडहर बन कर रह गया है | सम्बन्धी विभाग की और से शीश महल को आम लोगों के लिए 14 वर्षों से बंद कर दिया गया है जिसके बाहर लागे बोर्ड में दर्शाया गया है कि मुरम्मत के कारण शीश महल आम लोगों के लिए बंद है |
याची के अनुसार 1972 में पंजाब सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर शीश महल को संरक्षित स्मारक घोषित किया था लेकिन सरकार इसे संभाल पाने व ऐतिहासिक और दुर्लभ वस्तुओं को संरक्षित करने में विफल रही है |
याची के अनुसार पटियाला का शाही शीश महल महाराजा नरेन्द्र सिंह ने बनवाया था जिसमे रॉयल फर्नीचर व कश्मीर के आलिशान कालीन बिछाए गए थे | शाही राजाओ के पोर्ट्रेट की एक गैलरी बनाई गई थी ,एक मेडल गैलरी भी बनाई गई थी जिसमें विभिन्न स्टेटस के 3200 मेडल्स का संग्रह किया गया है जोकि दुनिया के सबसे अधिक मॉडल्स की गैलरी में शुमार है।
शीश महल में उस वक्त के शाशकों के प्रचलित सिक्के भी रखे गए हैं जिन्हे महाराजा भूपिंदर सिंह ने एकत्रित किया था | 19 वीं शताब्दी के उक्त सिक्के अपने भीतर इतिहास संजोय हुए है जोकि लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र थे | शीश महल एक धरोहर है जिसे ज़िंदा रखना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार इस जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतर पाई।