क्या मनीष तिवारी की चली जाएगी सांसदी? हाईकोर्ट में निर्वाचन रद्द करने के लिए याचिका दायर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) के निर्वाचन को रद्द करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। आरोप है कि चुनाव के दौरान तिवारी भ्रष्ट आचरण में लिप्त रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने मतदाताओं को कई तरह के प्रलोभन भी दिए थे। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 9 सितंबर को तय की है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चंडीगढ़ संसदीय सीट से सांसद मनीष तिवारी इन दिनों मुश्किलों में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता के संसदीय सदस्यता को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
दरअसल, मनीष तिवारी के खिलाफ पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में लोकसभा चुनाव 2024 में भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने तथा गलत तरीके से चुनाव में जीत हासिल करने का आरोप लगाया गया है।
मामूली अंतर हुई थी जीत
यह मामला संजय टंडन द्वारा दायर याचिका के मद्देनजर हाईकोर्ट के समक्ष पहुंचा है, जिन्होंने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तिवारी मात्र 2,504 मतों के मामूली अंतर से विजयी हुए थे।यह भी पढ़ें: Punjab Haryana HC: जेल भेजने वाली पत्नी क्रूर.... गुजारे भत्ते की हकदार नहीं, याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया तलाक का आदेश
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की विभिन्न धाराओं के तहत दायर अपनी याचिका में टंडन ने तिवारी पर चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने का आरोप लगाया है।
याचिका के अनुसार, तिवारी को पहले भी इसी तरह की कार्रवाइयों के लिए रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा फटकार लगाई गई थी। इसके बावजूद, आरोपों और रिपोर्टों से पता चलता है कि तिवारी और उनके समर्थक चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने वाली गतिविधियों में लिप्त रहे।
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