चंडीगढ़ में पेट्रोल से चलने वाले टू व्हीलर वाहनों पर अभी नहीं लगेगी पाबंदी, इलेक्ट्रिक पॉलिसी पर उठे सवाल
चंडीगढ़ में पेट्रोल से चलने वाले टू व्हीलर वाहनों पर अभी पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। यूटी प्रशासन ने इलेक्ट्रिक नीति में संशोधन करके राहत प्रदान की है। चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता ने ही इलेक्ट्रिक नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी सिर्फ चंडीगढ़ के वाहनों के लिए ही नीति क्यों बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन वाहनों पर कैपिंग नहीं होनी चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 03 Jul 2023 04:23 PM (IST)
चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। यूटी प्रशासन ने इलेक्ट्रिक नीति में संशोधन करके राहत दी है। ऐसे में अब जो पेट्रोल से चलने वाले टू व्हीलर पर पाबंदी लग रही थी अब वह जल्दी से नहीं लगेगी। इसी के साथ निर्णय लिया गया है कि 75 फीसद पेट्रोल से चलने वाले दो पहिया वाहन और 25 फीसद इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन रजिस्टर्ड होंगे।
जबकि पहले इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पंजीकृत का कोटा 75 फीसद रखा गया था। सोमवार को सलाहकार धर्मपाल की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया है। बैठक में अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद रहे।
प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में नगर निगम के मेयर अनूप गुप्ता ने इलेक्ट्रिक नीति पर आपत्ति जाहिर की। उन्होंने सलाहकार को कहा कि दूसरे राज्यों से प्रतिदिन 5,00,000 वाहन आ रहे हैं। वह वाहन पेट्रोल और डीजल से चलने वाले हैं। ऐसे वाहनों पर पाबंदी लगाने के लिए क्या किया जा रहा है।
मेयर ने दिया दिल्ली का उदाहरण
बैठक में मेयर ने दिल्ली सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर ऑड-ईवन सिस्टम लागू किया गया है। वहां पर 10 साल से ऊपर के वाहनों के चलने पर पाबंदी लगाई गई है। ऐसा सभी राज्यों के वाहनों के लिए किया गया है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी सिर्फ चंडीगढ़ के वाहनों के लिए ही नीति क्यों बना रहे हैं। जिस पर सलाहकार ने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर पाबंदी लगाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
मेयर अनूप गुप्ता का कहना है कि चंडीगढ़ में इंजन से चलने वाले वाहनों कि कोई भी कैपिंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक नीति से पंजाब और हरियाणा को फायदा मिलेगा।
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