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पराली जलाने के बढ़े मामले, PGI चंडीगढ़ ने पंजाब और हरियाणा को भेजा अलर्ट, बीते साल एक दिन में आए थे 6800 मामले

दिवाली नजदीक है। दो सप्ताह के बाद दीपावली का त्योहार आ रहा है। ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना है। क्योंकि दिवाली पर खूब पटाखे जलेंगे। हालांकि चंडीगढ़ में केवल ग्रीन पटाखों की मंजूरी है।

By Jagran NewsEdited By: Ankesh ThakurUpdated: Tue, 11 Oct 2022 12:11 PM (IST)
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पीजीआइ चंडीगढ़ पराली जलने की घटनाओं पर गूगल सेटेलाइट से नजर रख रहा है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दिवाली नजदीक है। दो सप्ताह के बाद दीपावली का त्योहार आ रहा है। ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना है। क्योंकि दिवाली पर खूब पटाखे जलेंगे। हालांकि चंडीगढ़ में केवल ग्रीन पटाखों की मंजूरी है, लेकिन साथ लगते शहर मोहाली में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है।

वहीं, इन दिनों साथ लगते राज्य पंजाब और हरियाणा में पराली जलने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। इसका असर चंडीगढ़ की आबोहवा पर भी हो रहा है। शहर की हवा जहरीली होती जा रही है। इन दोनों राज्यों में पराली जलने के मामलों पर पीजीआइ चंडीगढ़ नजर बनाए हुए है। पीजीआइ की तरफ से गूगल सेटेलाइट से नजर रखी जा रही है। 

पराली जलाने के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीजीआइ चंडीगढ़ ने पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्य सरकारों व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अलर्ट जारी किया है। पीजीआइ के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रोफेसर रविंदर खाईवाल ने सोमवार को बताया कि इस बार कई राज्यों में ग्रीन पटाखे जलाने की मंजूरी दे दी गई है। ऐसे में ग्रीन पटाखे से होने वाले वायु प्रदूषण और पराली जलाने से निकलने वाली जहरीली हवा से पर्यावरण पर घातक असर पड़ सकता है। इसलिए पर्यावरण को वायु प्रदूषण से सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि पराली जलाने के मामलों पर अभी से नियंत्रण लगाया जा सके। पिछली बार दीपावली के आसपास 10 नंवबर 2021 को पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में एक दिन में 6800 स्थानों पर पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए थे।

एनजीटी ने पराली जलाने पर लगाई थी रोक

12 दिसंबर 2015 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने पराली जलाने पर रोक लगाई थी। रोक के बावजूद पराली जलाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां तक कि राज्य सरकारों की ओर से पराली जलाने की जगह उसका इस्तेमाल किए जाने को लेकर योजनाएं बनाने के साथ-साथ पराली की खरीद और जलाने वालों को रोकने के लिए कानून में सख्ती की गई। फिर भी पराली जल रही है।

पंजाब में एक दिन में 4,458 जगहों जलाई गई पराली

बता दें कि बीते साल नौ नवंबर 2021 को पंजाब में एक दिन में 4,458 जगहों पर पराली जलती पाई गई थी। प्रोफेसर रविदंर खाईवाल ने बताया कि पिछले पांच वर्षों का अगर डाटा उठाकर देखा जाए तो अक्टूबर के अंत और नवंबर के शुरुआत में पराली जलने के मामले बढ़ जाते हैं। अक्टूबर के आखिर में एक दिन में पंजाब और हरियाणा में दो से ढाई हजार जगहों पर पराली जलने के मामले सामने आते हैं। जबकि नवंबर के शुरुआत में एक दिन में चार से छह हजार जगहों पर पराली जलने मामले पहुंच जाते हैं।

किस वर्ष में एक दिन में सबसे ज्यादा पराली जलाई गई

तारीख          एक दिन में पराली जलाने के मामले

04 नवंबर 2013               7,885

07 नवंबर 2016               8,491

10 नवंबर 2021               6,800

बेमौसम बरसात से ठीक हुआ एक्यूआइ

पिछले दिनों चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया था। बीते रोज शहर में हुई हल्की बारिश से एक्यूआइ लेवल में बदलाव देखने को मिला। सोमवार को शहर का एक्यूआइ लेवल 56 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। यहां तक कि चंडीगढ़ के पड़ोसी राज्यों के जिले में भी एक्यूआइ लेवल सामान्य देखने को मिला। जैसे अंबाला में एक्यूआइ लेवल 78, पटियाला में 46, लुधियाना में 78, जालंधर में 55 और अमृतसर में 86 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।