Adipurush के खिलाफ अब पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर, फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग
आदिपुरुष के निर्माताओं की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। फिल्म पर बैन लगाने की मांग को लेकर अब एक याचिका पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में भी दायर की गई है। पटियाला के महंत रविकांत और लुधियाना के अश्विनी कुमार ने दो अलग-अलग याचिका दायर की है। फिल्म पर पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 04 Jul 2023 03:59 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'आदिपुरुष' के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट दो जनहित याचिका दायर की गई है। मंगलवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते कहा कि इसी विषय पर इलाहाबाद हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक और लेखक को 27 जुलाई को समन किया हुआ हे। इसलिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट इस याचिका पर 27 जुलाई के बाद सुनवाई करेगा।
इसी के साथ कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। इस मामले में पटियाला के महंत रविकांत और लुधियाना के अश्विनी कुमार ने दो अलग-अलग याचिका दायर की है। याचिका में कोर्ट को बताया गया कि विश्व में करीब 300 प्रकार की रामायण हैं, भारत में वाल्मीकि व तुलसीदास रामायण को माना जाता है। इन पर कई फिल्म व टीवी धारावाहिक भी बने जिसमें रामायण के सभी पात्रों को प्रभावशाली चरित्र दिखाया गया।
'चरित्रों को सही तरीके से नहीं किया प्रस्तुत'
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि रामानंद सागर द्वारा बनाया गया रामायण धारावाहिक आज भी लोगों के मन में बसा हुआ है। लेकिन फिल्म आदिपुरुष जो रामायण पर आधारित है में भगवान राम सहित रामायण के अन्य चरित्रों को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया है और पात्रों के संवाद भी बेहद ही स्तरहीन हैं।याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में भगवान राम, माता सीता, हनुमान और रावण जैसे धार्मिक चरित्रों की छवि के साथ छेड़छाड़ की गई है। याचिकाकर्ता ने फिल्म आदिपुरुष को जारी सेंसर सर्टिफिकेट रद्द करने के साथ ही फिल्म को बैन करने की मांग करेंगे।
'फिल्म से हिंदुओं की भावना आहत हुई है'
याचिका में कहा गया है कि आदिपुरुष फिल्म से हिंदुओं की भावना आहत हुई है। हिंदुओं में भगवान राम, सीता और हनुमान की एक अलग छवि है। जिसमें किसी भी परिवर्तन छेड़छाड़ स्वीकार नहीं है। फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं ने चरित्रों से छेड़छाड़ कर हिंदुओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।याचिका के अनुसार, फिल्म में हिंदू धार्मिक चरित्रों का विकृत सार्वजनिक प्रदर्शन अनुचित है। इसलिए इस फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा दिए सर्टिफिकेट को रद्द करने और फिल्म पर पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
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