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कैप्टन अमरिंदर की अमित शाह से भेंट पर पंजाब में सियासत गरमाई, बड़ा सवाल- क्‍या होगा पूर्व सीएम का अगला कदम

Captain Amrinder Singh पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राज्‍य में सियासत गर्मा गई है। कैप्‍टन अमरिंदर के अगले कदम को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। बड़ा सवाल है कि उनका अगला सियासी कदम क्‍या होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 08:06 AM (IST)
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पंजाब के पूर्व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।
चंडीगढ़, आनलाइन डेस्‍क। पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की आज शाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राज्‍य की सियासत गर्मा गई। इस मुलाकात के बाद पंजाब के सियासी गलियारे में कयासबाजी तेज हो गई। इन सबके बीच बड़ा सवाल उठ रहा है कि कैप्‍टन का अगला कदम क्‍या होगा। दूसरी ओर, पंजाब की राजनीति में किसान आंदोलन के कारण‍ विराेध का सामने कर रही भाजपा को इससे राज्‍य में बड़ी राहत मिलने की उम्‍मीद है। यदि कैप्‍टन भाजपा के करीब आते हैं तो 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में सियासी समीकरण काफी बदल जाएगा।

सियासी जानकारों का कहना है कि किसान आंदोलन को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाने वाले कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह‍ से मुलाकात के बाद पंजाब में सियासी समीकरण बदलने के आसार हैं। इस घटना क्रम से पंजाब की सियासत में हलचल तेज हो गई है। पूरे घटनाक्रम से कांग्रेस के नेता सकते में हैं।

पंजाब के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि कैप्‍टन अमरिंदर भाजपा में शामिल होते हैं या उसके करीब जाते हैं तो कांग्रेस के लिए पंजाब में बड़ा झटका होगा। जानकारों का कहना है कि सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफे के बाद यदि कैप्‍टन पार्टी छोड़ते हैं तो कांग्रेस के लिए स्थिति  ' न घर के रहे न घाट के' वाली हो जाएगी। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के सीएम रहते पंजाब में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में फिलहाल सबसे आगे लग रही थी, लेकिन सिद्धू को खुली छूट देना भारी पड़ता दिख रहा है।

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मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा देने के बाद कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने अपने सभी सियासी विकल्‍प खुले रहने की बात की थी। इसके बाद मंगलवार को अचानक उनके दिल्‍ली जाने से पंजाब की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। उस समय कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रहे रवीन ठुकराल ने इन चर्चाओं को महज अटकलाबाजी करार दिया था।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के भाजपा से करीब जाने से भाजपा को पंजाब में बड़ी सियासी संजीवनी मिलेगी। इसके साथ ही 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव बेहद रोचक हो जाएगा। पूरे मामले में सवाल यह भी है कि क्‍या कैप्‍टन अमरिंदर सिंह किसानों का आंदोलन खत्‍म कराने में क्‍या भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही यह भी कयासबाजी चल रही है कि कैप्‍टन को भाजपा में शामिल होने पर बड़ी भूमिका मिल सकती है। कैप्‍टन मुख्‍यमंत्री रहते केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद करने और किसानों के मसले के समाधान करने की मांग कर रहे थे।

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क्‍या हो सकते हैं कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के सियासी विकल्‍प -

1. कैप्‍टन अमरिंदर सिंह आंदोलनकारी किसान संगठनों की केंद्र सरकार से बातचीत करा कर आंदोलन काे समाप्‍त कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके बाद अपने सियासी राह की घोषणा कर सकते हैं।

2. कैप्‍टन अमरिंदर सिंह किसान आंदोलन को समाप्‍त कराने में भूमिका निभाकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

3. पंजाब में अपना सियासी दल या मोर्चा बना सकते हैं। इसमें वह कांग्रेस के असंतुष्‍ट नेताओं को अपने साथ जोड़ कर राज्‍य में नया राजन‍ीतिक मोर्चा तैयार कर सकते हैं।

4. कांग्रेस में रहकर वह असंतुष्‍ट नेताओं को साथ लेकर पार्टी में खुद को मुख्‍यमंत्री पद से हटाने का जवाब दे सकते हैं।

5. राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कांग्रेस के बड़े असंतुष्‍ट नेताओं को साथ लेकर कांग्रेस में ही नया गुट या खेमा तैयार कर कांग्रेस नेतृत्‍व को चुनौती दे सकते हैं। चर्चा है कि दिल्‍ली में वह जी-23 के कांग्रेस नेता‍ओं से मिलेंगे।

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