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चंडीगढ़ की पूजा ब्रह्मभट्ट ने 'मिस इंडिया 2020' प्रतियोगिता में बिखेरा जलवा, दो टाइटल किए अपने नाम

चंडीगढ़ के एमसीएम कालेज में पढ़ चुकी अदाकारा पूजा ब्रह्मभट्ट ने डाइडम मिस एंड मिसेज इंडिया लीगेसी-2020 सौंदर्य प्रतियोगिता में मिस इंडिया बाडी ब्यूटीफुल और मिस इंडिया मोस्ट फोटोजेनिक टाइटल अपने नाम करके शहर को गौरवान्वित किया है।

By Rohit KumarEdited By: Updated: Tue, 12 Jan 2021 12:26 PM (IST)
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चंडीगढ़ की पूजा ब्रह्मभट्ट ने 'मिस इंडिया 2020' प्रतियोगिता में दो टाइटल अपने नाम किए है।
चंडीगढ़, वैभव शर्मा। एमसीएम कालेज में पढ़ चुकी उभरती अदाकारा पूजा ब्रह्मभट्ट ने किंगडम आफ ड्रीम्स, गुरुग्राम में आयोजित डाइडम मिस एंड मिसेज इंडिया लीगेसी-2020 सौंदर्य प्रतियोगिता में दो महत्वूपर्ण टाइटल जीतकर शहर को गौरवान्वित किया है। पूजा ने मिस इंडिया बाडी ब्यूटीफुल और मिस इंडिया मोस्ट फोटोजेनिक टाइटल अपने नाम किए।

राज्य स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी और राष्ट्रीय स्तर की बेसबाल और साफ्टबाल खिलाड़ी पूजा साहस और दृढ़ता की एक मिसाल हैं। एक हादसे में गंभीर घायल होने के कारण उन्हें ढाई साल तक इलाज कराना पड़ा, उसके बाद गत वर्ष लाकडाउन में मुंबई में अकेले भय का सामना करना पड़ा। फिर भी वह धैर्य व साहस के साथ अपने सपने पूरे करने में जुटी रहीं। फिनाले में 18 प्रतियोगी थे, जिसमें पूजा ने बाजी मारी।

पूजा ने बताया कि वह एमसीएम कालेज में पढ़ाई के अलावा अनेक गतिविधियों में व्यस्त रहती थी, जैसे पेंटिंग, लेखन, साज-सज्जा और टैटू बनाना आदि। शुरू से ही एक्टिंग के क्षेत्र में जाने का सपना देखा था। स्टेज पर मुझे अच्छा लगता था, थियेटर करती थी, जिसके चलते 19 की उम्र में एक फिल्म मिल गई - 'मिट्टी ना फरोल जोगिया'। फिर गाने, विज्ञापन और लघु फिल्में करती रही। तभी एक कार दुर्घटना ने मेरे सपनों पर ग्रहण लगा दिया और मैं ढाई साल तक अस्पतालों के चक्कर लगाती रही।'

अब ठीक हो गई हूं लेकिन दवाइयों के कारण 20 किलो वजन बढ़ गया। ऐसा लग रहा था जैसे सपना अधर में लटका था, इसलिए मुंबई का रुख कर लिया। वहां फिल्मों, धारावाहिकों, गीतों और विज्ञापन फिल्मों में सहायक की भूमिका में काम करती रहीं। तब एक हिंदी फिल्म 'नुसरत जहां' में सेकेंड लीड का आफर मिल गया। इसके बाद एक तेलुगु गीत में अभिनय किया।

पूजा ने कहा कि मुझे नाम, प्रसिद्धि, सम्मान और पैसा कमाना है, जिसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं। मैं एक एनजीओ बनाकर बुजुर्गों, अनाथ बच्चों की सेवा और प्रौढ़ शिक्षा की दिशा में काम करना चाहती हूं। मेरे माता-पिता मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं, जिन्होंने हमेशा मुझे स्पोर्ट किया है और हौसला बढ़ाया है।

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