Lok Sabha Elections 2024: इस बार पंजाब में 13 सीट पर कितने करोड़ वोटर्स? क्या टूट जाएगा पुराना सारा रिकॉर्ड
Punjab Lok Sabha Elections 2024 लोकसभा चुनाव की तारीख सामने आ गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इसकी घोषणा करते हुए इसे लोकतंत्र का महापर्व बताया है। सही को चुनेंगे तो ही देश व क्षेत्र का सर्वपक्षीय विकास होगा। ऐसे में राज्य के सभी मतदाता यह संकल्प लें कि वे इस बार मतदान का रिकॉर्ड पार कर देंगे।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। Lok Sabha Election 2024: जी हां.... आइपीएल (इंडियन पालिटिकल लीग) यानी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के मुकाबलों की तिथियों की घोषणा हो चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (ECI Rajiv Kumar) ने इसकी घोषणा करते हुए इसे लोकतंत्र का महापर्व बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि हर मतदाता घर से बाहर निकले और सही प्रत्याशी को अपने सांसद के तौर पर चुने।
क्षेत्र का सर्वपक्षीय होगा विकास
सही को चुनेंगे तो ही देश व क्षेत्र का सर्वपक्षीय विकास होगा। ऐसे में राज्य के सभी मतदाता यह संकल्प लें कि वे इस बार मतदान का रिकॉर्ड पार कर देंगे। साथ ही, जो उम्मीदवार पसंद है, उसे जिताने यानी संसद में पहुंचाने का समय आ गया है।पंजाब (Punjab News) में अगर 1989 के बाद से हुए आइपीएल मुकाबलों की बात करें तो वर्ष 2014 में ही अब तक का रिकार्ड बना है। इस चुनाव में लोग खुलकर बाहर आए और 70.63 प्रतिशत मतदान किया। हालांकि, वर्ष 2019 के मुकाबलों में पंजाब के लोग चूक गए और रन (मतदान) करीब पांच प्रतिशत कम बने। सिर्फ 65.94 प्रतिशत ही मतदान हुआ।
पिछली बार का टूटेगा रिकॉर्ड
ऐसे में चुनाव आयोग के अलावा मतदाताओं पर भी जिम्मेवारी बढ़ जाती है कि वे 2014 के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए इस बार पूरा जोर लगा दें। कहीं ऐसा न हो कि मतदान न करने वाले बाद में बंद कमरों में बैठकर यह विचार करते रहें कि जो जीता है, वह काम का नहीं या भ्रष्टाचारी है या फिर उस पर कोई लांछन लगाएं। ऐसे में सही को चुनने का समय आ गया है। हालांकि जहां विधानसभा में हर बार संसदीय चुनाव से कहीं अधिक मतदान होता है, वहीं संसदीय चुनाव में लोगों की दिलचस्पी काफी कम रहती है लेकिन अब यह आंकड़ा रिकॉर्ड की तरफ लेकर जाने का समय है।
अगर 1989 के मुकाबलों को देखा जाए तो 62.67 प्रतिशत ही मतदान हुआ। 1991 और 1996 में यह दर 62.25 प्रतिशत ही रही। चूंकि, लगातार दो वर्ष जल्दी-जल्दी चुनाव हुए, इसलिए मतदान दर 1998 में 60.07 प्रतिशत और 1999 में 56.11 प्रतिशत ही रही। 2004 में हुए चुनाव में 61.59 प्रतिशत मतदान हुआ था।
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