क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू होता तो 'लूट' न पाते पंजाब में निजी अस्पताल, बिल पास हुआ पर नहीं बने नियम
पंजाब में इलाज के नाम पर कुछ निजी अस्पतालों में लूट मची हुई है। राज्य में विधानसभा में वर्ष 2020 पंजाब क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन) बिल-2020 पास हुआ लेकिन इसके लिए नियम नहीं बन पाए। इसके कारण निजी अस्पतालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Fri, 21 May 2021 11:37 AM (IST)
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। कोरोना महामारी के दौर में सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम चरमरा कर रह गया है। कोरोना की चपेट में आने वाले 69 फीसद लोग सबसे पहले प्राइवेट अस्पतालों की तरफ भाग रहे हैं। ऐसे में प्राइवेट अस्पताल ओवरचार्जिंग करके खुलेआम 'लूट' मचा रहे हैं। राज्य के हरेक हिस्से से आ रही इन सूचनाओं से स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है। दरअसल, अगर पंजाब में क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू होता तो प्राइवेट अस्पताल मरीजों से लूट नहीं कर सकते थे।
पंजाब सरकार ने 28 अगस्त 2020 को विधानसभा में पंजाब क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन) बिल-2020 को तो पास कर दिया था, लेकिन इस कानून को लेकर नियम अभी तक नहीं बनाए जा सके हैं। इसकी वजह से यह कानून वजूद में अभी तक नहीं आ पाया है। इसका मुख्य कारण प्राइवेट अस्पतालों का दबाव माना जा रहा है। केंद्र सरकार के दबाव पर पंजाब सरकार ने इस बिल को पास तो करवा लिया, लेकिन इसके नियमों को अभी तक नोटिफाई नहीं किया है।
इस कानून का उद्देश्य सार्वजनिक इलाज व्यवस्था की गुणवत्ता बढ़ाना, मरीजों से ज्यादा फीस वसूली को रोकने के अलावा नियम निर्धारित करना, फिजिकल मापदंड, मेडिकल मापदंड, अमले के नियम, रिकार्ड का रखरखाव और रिपोर्टिंग आदि संबंधी शर्तें तय करना है। बिल में स्पष्ट है कि इसको कानूनी रूप मिलने से अस्पताल प्राकृतिक आपदाओं और महामारी के समय राज्य का समर्थन करेंगे।
वहीं, निजी अस्पताल शुरू से ही इस बिल पर सवाल उठा रहे हैं। वह तो कहते रहे हैं कि इसकी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू होने के बाद इंस्पेक्टरी राज शुरू हो जाएगा। अस्पतालों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा। छोटे अस्पताल इस बोझ को झेल नहीं पाएंगे और बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे। दूसरी तरफ, माना जा रहा है कि अगर यह एक्ट लागू होता तो प्राइवेट अस्पतालों पर लगाम लगनी थी।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा ओवरचार्जिंग की सूचनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसके लेकर सरकार एक्टिव हो गई है। यह सही है कि क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू होता तो प्राइवेट अस्पतालों को डर रहता। अभी हमारा ध्यान कोरोना मरीजों को बचाने को लेकर है। स्थिति कंट्रोल हो जाए उसके बाद इसके नियमों को फाइनल करके एक्ट को लागू करवाएंगे।
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