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PSPCL के चेयरमैन ने हाई कोर्ट ने मांगी माफी, आश्वासन दिया- भविष्य में जारी नहीं करेंगे नान स्पीकिंग आदेश

कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच में अपीलीय प्राधिकरण द्वारा अनुचित तरीके से आदेश पारित करने के मामले में पीएसपीसीएल के चेयरमैन ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में माफी मांगी। कहा कि भविष्य में नान स्पीकिंग आदेश पारित नहीं किए जाएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2022 03:15 PM (IST)
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पीएसपीसीएल के चैयरमैन ने मांगी कोर्ट में माफी। सांकेतिक फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक बलदेव सिंह सरन हाई कोर्ट में पेश हुए। सरन ने हाई कोर्ट में कर्मचारियों की अपील पर नान स्पीकिंग आदेश पारित करने पर खेद जताया और कोर्ट से माफी मांगी।

सरन ने कोर्ट में आश्वासन दिया कि अब भविष्य में अपीलीय प्राधिकरण द्वारा कर्मचारियों की अपील पर नान स्पीकिंग आदेश पारित नहीं किए जाएंगे। जो अधिकारी ऐसा करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत कारपोरेशन की तरफ से आदेश जारी कर दिए हैं।

सरन ने कोर्ट को यह भी बताया कि याची के खिलाफ पारित आदेश को वापस ले लिया है और उसको सुनवाई का मौका देकर नए सिरे से स्पीकिंग आदेश पारित किया जाएगा। सरन के जवाब पर संतोष जताते हुए हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए यह भी आदेश दिया कि याची के मामले का तीन महीने के भीतर निपटारा करे।

हाई कोर्ट के जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने यह आदेश कारपोरेशन में विभागीय कार्रवाई के दौरान अपील पर स्पीकिंग आदेश पारित करने के खिलाफ दायर याचिका पर दिए। इस मामले में एक कर्मचारी राजेंद्र कुमार ने याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हैरानी जताई थी कि कोर्ट के कई बार के आदेश के बाद भी अपीलीय प्राधिकरण कर्मचारियों की अपील पर नान स्पीकिंग आदेश पारित कर रही है।

कर्मचारियों का पक्ष सुने बगैर उनके खिलाफ आदेश पारित किए जा रहे हैं। हाई कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा था कि किसी को बगैर सुने कैसे विपरीत आदेश पारित किया जा सकता है। कोर्ट ने टिप्पणी की थी पीएसपीसीएल के इस रवैये से अनावश्यक मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिल रहा है और हाई कोर्ट में केस का दबाव बढ़ रहा है।

इस मामले में याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर बताया था कि उसके खिलाफ एक विभागीय मामले में प्राधिकारी ने चार वेतन वृद्धि को रोकने की सजा दी थी। उसने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सजा का आदेश रद कर अपीलीय प्राधिकारी के आदेश दिया था कि वह याची को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दे व उसको सुन कर नए सिरे से स्पीकिंग आदेश पारित करे।

कोर्ट के आदेश के बाद भी अपीलीय प्राधिकारी ने एक बार फिर बिना कोई कारण बताए उनकी अपील को खारिज कर दिया। इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को हाई कोर्ट में पेश होकर जवाब देने का आदेश दिया था।

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