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Punjab News: 'बहबल कलां गोलीबारी मामले में न्याय करने में विफल रही AAP', घटना की आठवीं बरसी पर बोले बाजवा

Punjab News बहबल कलां गोलीबारी मामले की आठवीं बरसी पर बाजवा ने आप सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार न्‍याय दिलाने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस की कथित गोलीबारी की घटना के पीड़ितों को न्याय दिलाना आप का मुख्य चुनावी वादा था। अब सरकार बनने के 18 महीने बाद भी आप सरकार ने जो किया है वह महज दिखावा है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 14 Oct 2023 09:02 AM (IST)
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बहबल कलां गोलीबारी मामले में न्याय करने में विफल रही आप सरकार (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बहबल कलां पुलिस गोलीबारी की कथित घटना की आठवीं बरसी पर विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मारे गए सिख युवकों और उनके परिवारों के साथ न्याय करने में विफल रहने के लिए आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की निंदा की। उन्होंने कहा कि पुलिस की कथित गोलीबारी की घटना के पीड़ितों को न्याय दिलाना आप का मुख्य चुनावी वादा था।

कृष्ण भगवान सिंह की 2015 में कर दी गई थी हत्‍या

अब सरकार बनने के 18 महीने बाद भी आप सरकार ने जो किया है, वह महज दिखावा है। बाजवा ने कहा कि दो सिख प्रदर्शनकारियों-सरावां गांव के गुरजीत सिंह और फरीदकोट जिले के नियामीवाला गांव के कृष्ण भगवान सिंह की 14 अक्टूबर 2015 को उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वे बेअदबी की घटना का विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल, 14 अक्टूबर को, इस घटना की सातवीं वर्षगांठ के दौरान विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने न्याय प्रदान करने के लिए 45 दिनों का समय मांगा था।

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अपने वादे से मुकरने के लिए किया प्रेरित

सिख संगत की मौजूदगी में उन्होंने इस्तीफा देने और निर्धारित समय सीमा में अपना वादा पूरा नहीं करने पर बहबल कलां इंसाफ मोर्चा के साथ धरने में शामिल होने की प्रतिबद्धता जताई थी। बाजवा ने विधानसभा स्पीकर को चुनौती दी कि वह बताएं कि किस बात ने उन्हें अपने वादे से मुकरने के लिए प्रेरित किया। बाजवा ने कहा, न तो वह धरने में शामिल हुए और न ही उन्होंने अब तक न्याय किया है।

आमरण अनशन करने की योजना बना रहे कार्यकर्ता

बाजवा ने कहा कि आप सरकार द्वारा बार-बार किए जा रहे खोखले वादों से तंग आकर बहबल कलां इंसाफ मोर्चा के कार्यकर्ता अब आमरण अनशन करने की योजना बना रहे हैं। विपक्षी नेता ने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी और अमृतसर उत्तर से आप विधायक ने मुद्दों पर न्याय करने में विफल रहने के लिए अपनी ही सरकार की बार-बार निंदा की है।

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हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जिनके पास गृह विभाग भी है, इस बारे में गंभीर नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि आप के पाखंड की पराकाष्ठा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आप द्वारा नियुक्त नए एडविक्ट जनरल गुरमिंदर सिंह ने वकील के तौर पर 2015 के बहबल कलां पुलिस गोलीबारी मामले से संबंधित याचिका में निलंबित एक सीनियर पुलिस अधिकारी का प्रतिनिधित्व किया है। यह सिख समुदाय के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।