पहले ही साल में पंजाब एग्रो की 'जिन' ने मारी बाजी, खास स्वाद होने से मिला दूसरा स्थान; किन्नू की केर से हुई तैयार
पंजाब एग्रो की ओर से तैयार की गई जिन ने पहले ही साल में बाजी मार ली है। मुंबई में हुए एक समारोह जिसमें देश विदेश की जिन बनाने वाली नामी कंपनियों ने भाग लिया में स्वाद के लिहाज से पंजाब की जिन को दूसरा स्थान मिला है। सिट्रस आधारित यह जिन किन्नू की केर (पकने से पहले गिरने वाला किन्नू) से तैयार की गई है।
इन्द्रप्रीत सिंह. चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब एग्रो (Punjab Agro) की ओर से तैयार की गई 'जिन' ने पहले ही साल में बाजी मार ली है। मुंबई में हुए एक समारोह जिसमें देश विदेश की जिन बनाने वाली नामी कंपनियों ने भाग लिया, में स्वाद के लिहाज से पंजाब की जिन को दूसरा स्थान मिला है।
पंजाब एग्रो की जिन ओरिजन को मिला दूसरा स्थान
प्रोवाइन मुंबई की ओर से करवाए गए इस समारोह में पंजाब एग्रो की भी अपनी जिन ओरिजिन ने भाग लिया। जिसमें उसे दूसरा स्थान मिला।दिलचस्प बात यह है कि ओरिजिन को तैयार हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ। सिट्रस आधारित यह जिन किन्नू की केर (पकने से पहले गिरने वाला किन्नू) से तैयार की गई है।
गोवा में तैयार किया गया था जिन ओरिजिन
इसे गोवा में तैयार किया गया है। यहां से अबोहर स्थित प्लांट से इसका जूस निकालकर उसे गोवा में भेजा जाता है जहां पंजाब एग्रो इसे जिन बनाने वाली कंपनियों से इसे तैयार करवाता है। इस जिन को इसी साल अप्रैल महीने में गोवा सहित आसपास के इलाकों में बेचने का लाइसेंस मिला था और पहली बार इसे प्रोवाइन जैसे बड़े प्लेटफार्म पर लोगों को टेस्ट करवाने का मौका मिला जिसमें यह सफल रही है।
पंजाब एग्रो के जनरल मैनेजर ने की पुष्टि
पंजाब एग्रो के जनरल मैनेजर रणबीर सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।उन्होंने बताया कि किसानों की सबसे बड़ी दिक्कत थी कि उनकी केर का कोई दाम नहीं मिल रहा था बल्कि इसे संभालने में दिक्कत अलग से आ रही थी।
अलग स्वाद होने से पसंद की गई जिन
अब हमने इसे किसानों से खरीदकर गोवा आधारित रिया डिस्टलरी जो कि दुनिया की नामी शराब बनाने वाली कंपनी है से तैयार करवाई है। इसकी डिस्टलरीराजेशन कॉपर आधारित की जाती है। उन्होंने बताया कि इसकी रेसेपी फ्रेंच आधारित कंपनी से तैयार करवाई गई है। उन्होंने बताया कि सिट्रस से तैयार होने वाली यह जिन होने के कारण इसका स्वाद अन्य जिन से काफी अलग है इसीलिए यह काफी पसंद की जा रही है।
जून में तैयार की गई थी जिन
पंजाब एग्रो की इस जिन को इसी साल के जून महीने में लॉन्च किया गया था। अभी तक किन्नू से कोई उत्पाद तैयार नहीं किया गया था यह पहला उत्पाद है और वह भी उसके उस हिस्से का जो गिर कर किसानों को नुसकान पहुंचाता है।
किसानों की आमदनी में होगी वृद्धि
किन्न की पैदावार भी कम होती है लेकिन, अब हम उन्हें इस केर का भी पैसा देंगे। जिससे उनकी आदमनी में वृद्धि। जिन बनाने के लिए हमें 8000 टन सी और डी ग्रेड और इस तरह के केर किन्नू की आवश्यकता होगी। यह सारा किसानों से खरीदा जाएगा।
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पंजाब में भी बिकेगी जिन
उन्होंने बताया कि अभी तक यह केवल गोवा व महाराष्ट्र में ही बिक सकती थी क्योंकि उन्होंने उसे तैयार किया है। लेकिन अब इसे पंजाब में बेचने के लिए लेबल आदि की मंजूरी मिल गई है। जल्द ही आबकारी विभाग इसे बेचने का लाइसेंस हमें दे देगा। ऐसा होते ही यह चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली आदि में भी इसे बेचा जा सकेगा। इससे निश्चित रूप से इसकी मांग भी बढ़ेगी।
अबोहर और होशियारपुर में है किन्नू की पैदावार
काबिले गौर है कि पंजाब का अबोहर और होशियारपुर क्षेत्र अपने किन्नू पैदावार के लिए जाना जाता है। बड़े फार्म का ज्यादातर हिस्सा यहीं पर पैक होकर बंगलौर, गोवा, महाराष्ट्र आदि में सप्लाई होता जबकि छोटे किसानों की पैदावार पंजाब की मंडियों में ही बिकती है। इससे पहले किन्नू के छिलके से मुर्गियों की फीड तैयार करने के मामले में भी पंजाब एग्रो को जबरदस्त सफलता मिली है और उसे भी पंजाब एग्रो ने पेंटेंट करवा लिया है।
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