Punjab News: NDPS मामलों को लेकर एक्शन मोड में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट, पुलिस को सख्ती बरतने के दिए निर्देश
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एनडीपीएस मामलों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर एनडीपीएस मामलों में आरोपित को पुलिस द्वारा उचित समय अवधि के भीतर गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो ऐसे आरोपियों को तुरंत घोषित अपराधी (पीओ) घोषित किया जाना चाहिए और उनकी संपत्तियां कुर्क की जानी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एनडीपीएस मामलों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है। पंजाब के सभी एसएसपी को पंजाब के विभिन्न पुलिस थानों में एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज सभी मादक पदार्थों के मामलों की जांच की प्रगति की निगरानी करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें।
संपत्तियां की जानी चाहिए कुर्क: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि मादक पदार्थों के मामलों में आरोपित को पुलिस द्वारा उचित समय अवधि के भीतर गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो ऐसे आरोपियों को तुरंत घोषित अपराधी (पीओ) घोषित किया जाना चाहिए और कानून के परविधान के अनुसार बिना किसी देरी के उनकी संपत्तियां कुर्क की जानी चाहिए।
सभी मामलों पर हलफनामा दायर करने के निर्देश
पंजाब के डीजीपी को पंजाब राज्य के सभी पुलिस थानों में एनडीपीएस अधिनियम के परविधान के तहत दर्ज सभी मामलों का हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया गया है, जहां छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्हें यह भी बताने के लिए कहा गया है कि ऐसे आरोपियों को घोषित अपराधी घोषित किया गया है या नहीं।
जस्टिस एनएस शेखावत ने ड्रग मामले में आरोपित वरिंदर सिंह उर्फ बिंदा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। याचिका पर सुनवाई के दौरान जज ने पाया कि याचिकाकर्ता पर 12 सितंबर 2023 को मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पिछले 11 महीनों से उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच अभी भी लंबित
इसके अलावा, मौजूदा मामले में एसएसपी बठिंडा के हलफनामे के अनुसार, चालान 29 जनवरी को पेश किया गया था और अब पाया गया है कि हेड कॉन्स्टेबल सुखराज सिंह ने पुलिस थाने के रिकॉर्ड में इस आशय की कोई प्रविष्टि नहीं की है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच लंबित है।
यहां तक कि इंस्पेक्टर संदीप सिंह, जो एसएचओ, पुलिस स्टेशन नथाना के रूप में तैनात रहे और वर्तमान मामले के जांच अधिकारी एएसआई दिलबाग सिंह ने भी आरोपित के खिलाफ वर्तमान मामले की जांच की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके खिलाफ वर्तमान मामले में जांच लंबित है।
छह महने से आरोपियों को नहीं किया गया गिरफ्तार: कोर्ट
हाई कोर्ट ने पाया कि पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की गई और केवल विभागीय कार्यवाही शुरू की गई और ऐसे दागी पुलिसकर्मी पुलिस थानों में पुलिस बने रहे। पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने एसएसपी बठिंडा को हलफनामा दाखिल कर जिला बठिंडा के विभिन्न थानों में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज उन सभी मामलों की सूची देने को कहा था, जिनमें पिछले छह महीने से आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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एसएसपी बठिंडा ने अपने हलफनामे में बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज 83 आपराधिक मामलों में पिछले छह महीने से अधिक समय से 97 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। हलफनामे में दिए गए ब्यौरे से हाई कोर्ट ने यह भी पाया कि आरोपितों के खिलाफ पीओ की कोई कार्यवाही और उनकी संपत्ति कुर्क करने की कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई। हाई कोर्ट ने यह भी पाया कि जिला बठिंडा के उच्च पुलिस अधिकारियों ने एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों की जांच की निगरानी नहीं की थी।