पंजाब में विधानसभा में शीतकालीन सत्र ( Punjab Assembly Session) का पहला दिन काफी गर्म दिखा। सीएम भगवंत मान ने इस दौरान विपक्ष पर जमकर बरसते दिखे। उन्होंने सदन में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी का बस चले तो ये हमें राष्ट्रगान से भी बाहर कर दें। आइए पढ़ते हैं पहले दिन सत्र में क्या-क्या हुआ।
By Inderpreet Singh Edited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 28 Nov 2023 08:12 PM (IST)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Punjab Assembly Session) के पहले दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) विपक्ष पर जमकर बरसते हुए नजर आए। यहां तक कि सीएम ने केंद्र को भी नहीं छोड़ा। सीएम मान ने आरोप लगाते हुए कहा, "बीजेपी एंटी पंजाब चल रही है..."
मुख्यमंत्री ने सदन में बीजेपी के पंजाब (Punjab News) प्रधान सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) पर तंज कसते हुए सवाल किए कि जो पहले कांग्रेस में थे, वो अब बीजेपी के प्रधान हैं, बीजेपी पंजाब के साथ भला ऐसा क्यों कर रही है। सीएम मान ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी का बस चले तो ये हमें राष्ट्रगान यानि की जन-मन-गण से बाहर कर दें।
मुख्यमंत्री ने कहा, इनका मन करता है तो देहाती विकास फंड (आरडीएफ) रोक लेते हैं। उनका मन है एमएसपी रोक दें, सीसीएल लिमिट ऐसे देते हैं जैसे एहसान कर रहे हो। मुख्यमंत्री ने सदन में यह भी कहा कि अभी पंजाब में भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुई है। 70-75 साल पुरानी बीमारी है। मुख्यमंत्री ने भाजपा को एंटी पंजाब बताते हुए कहा कि जहां इनकी सरकार नहीं है वहां ईडी या सीबीआई को भेज दो। सरकार को परेशान करो।
केंद्र ने आरडीएफ का पैसा रोक लिया। नियमों को संशोधित करते भेजा फिर भी फंड जारी नहीं किया। मन कहता हैं एमएसपी बंद कर दो तो कभी कर्जा देना बंद कर देंगे। पराली जलाने पर किसानों पर पर्चे दर्ज कर दो जैसे अकेले पंजाब में ही पराली जलाई जाती हो और इस पर भाजपा के प्रदेश प्रधान चुप्पी साधे हुए है। मुख्यमंत्री ने सदन में इस बात का भी खुलासा किया कि सड़कों के निर्माण में उन्होंने जब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) को शामिल किया तो पता चला कि 540 किलोमीटर की सड़क ही गायब है।
पंजाब सरकार AI की मदद से करेगी काम
सीएम मान ने आने वाले दिनों में प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ाने को लेकर एलान किया है। सीएम ने बताया कि AI का इस्तेमाल इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेवेन्यू, हेल्थ और एग्रीकल्चर में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि AI की जांच के लिए सड़कों की रिपेयर का मैन्युअल एस्टीमेट तैयार किया गया। हैरानी होगी कि AI तकनीक के जरिए तैयार एस्टीमेट में 65 हजार किमी का गैस 163.26 करोड़ रुपए मैन्युअल एस्टीमेट से कम था। 540 किलोमीटर ऐसी सड़कें मिली, जो हैं ही नहीं। ये वो सड़कें थीं, जो कागजों में थी, लेकिन धरती पर थी ही नहीं।
पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान आज राज्य सरकार की दो फ्लैगशिप योजनाओं, जिसमें आम आदमी क्लीनिक और लोगों को सस्ती रेत बजरी मुहैया करवाने को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला। हालांकि, आम आदमी क्लीनिकों के मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह सरकार का बचाव करने में कामयाब रहे और उन्हें सत्ता पक्ष के विधायकों का भी साथ मिला लेकिन अवैध माइनिंग को लेकर सरकार के पास कोई जवाब नहीं था।
ये दोनों मामले प्रश्न काल और शून्य काल में उठे। प्रश्न काल के दौरान प्रताप सिंह बाजवा ने पूछा कि कितने विधायकों और मंत्रियों ने आम आदमी क्लीनिक में इलाज करवाया है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को फेल केस का अच्छा वकील बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने ये क्लीनिक चलाने के चलते सभी सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों को तबाह कर दिया है। किसी में भी डॉक्टर और दवाएं आदि नहीं हैं।
80 लाख लोगों ने मोहल्ला क्लीनिकों में कराया इलाज: स्वास्थ्य मंत्री
इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह (Balbir Singh) ने उन्हें चुनौती दी हमारी सरकार ने 664 मोहाल्ला क्लीनिक खोले हैं, अगर पिछली सरकारों ने 164 भी खोले हों तो वह जिम्मेदारी लेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक 80 लाख लोगों ने इन क्लीनिकों में इलाज करवाया है। 2600 डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को इम्पैनल करके इन क्लीनिकों को चलाया जा रहा है।
इसकी सफलता प्रमाण यह है कि नैरोबी में हमारे इस मॉडल को 85 देशों में पहला स्थान मिला है। इस पर बाजवा ने कहा, "उनके हलके में एक भी क्लीनिक नहीं खोला गया है जबकि हलके के अधीन आते सभी सब डिविजन अस्पतालों को डाक्टरों व दवाओं से खाली कर दिया है।"मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि छह महीने के अंदर सभी सब डिविजन अस्पतालों को एक्स-रे मशीनों, डॉक्टरों और दवाओं से सुसज्जित कर दिया जाएगा। बाजवा ने पूछा, अगर यह मॉडल इतना अच्छा है तो आपके विधायक व मंत्री इसमें इलाज क्यों नहीं करवाते। इसका जवाब देते हुए डॉ बलबीर ने कहा कि मैं खुद मोहल्ला क्लीनिकों में जाता हूं। विधायकों ने भी हाथ खडे़ करके कहा कि वह भी इन क्लीनिकों में इलाज करवाते हैं।
वहीं, कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि उन्होंने अपने हलके का अस्पताल 1.5 करोड़ रुपए खर्च करके सबसे बढ़िया बनाया था जिसका जवाब देते हुए डॉ बलबीर ने कहा कि अपने हलके का अस्पताल बढि़या बनाकर पूर्व मंत्री ने क्या किया है, स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए मेरी ड्यूटी है कि पंजाब के सभी प्राइमरी और सेकेंडरी अस्पतालों को ए वन बनाऊं।
शून्य काल के दौरान झड़प
शून्य काल में दूसरे मुद्दे अवैध माइनिंग को लेकर भी विपक्ष और सत्ता पक्ष में जबरदस्त झड़प हुई। कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि जो जमीन ईडी के पास अटैच है उस पर भी माइनिंग हो गई है। इसमें उनका साथ अकाली दल के विधायक डॉ सुखविंदर सिंह सुक्खी ने भी दिया और कहा कि रोपड़ के एसएसपी की मंत्री की शह पर इसमें शमूलियत है।
उन्होंने कहा कि यह मेरा आरोप नहीं है बल्कि हाई कोर्ट का है। निशाने पर आए रोपड़ जिले के मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि उन पर अपने रिश्तेदारों के जरिए माइनिंग का आरोप लगता है। वह इसके लिए नार्को टैस्ट करवाने को तैयार हैँ। उन्होंने कहा कि विभाग का मंत्री रहते हुए उन्होंने अवैध माइनिंग करने वाले राकेश चौधरी पर केस करवाया था लेकिन अकाली दल के नेता उसी के साथियों के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। उन्होंने कहा कि ईडी की अटैच जमीन में माइनिंग करने के आरोप में जिसे गिरफ्तार किया गया है वह अकाली नेता ही है।
प्रोफेसर सुसाइड मामले में बेटी को नौकरी मिले: कांग्रेस
शून्य काल में कांग्रेस ने पंजाब सरकार को प्रोफेसर बलविंदर कौर के सुसाइड मामले में घेरने की कोशिश की। दरअसल, कांग्रेस विधायक प्रगट सिंह ने कुछ दिन पहले आत्महत्या करने वाली प्रोफेसर बलविंदर कौर की बेटी को प्लेन पेपर में नौकरी देने का आश्वासन देने के मुद्दे को उठाया।
पंजाब में गैर कानूनी तरीके से चल रही टैक्सियां जो सफेद नंबर प्लेट पर चलाई जा रही हैं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह आश्वासन ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत भुल्लर ने मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह को उस समय दिया जब उन्होंने पूछा कि नामी कंपनियों की आड़ में अवैध टैक्सियां सरकार के खजाने को चूना लगा रही हैं।ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि कैब्स चलाने वाली कंपनियों के पास तो लाइसेंस हैं लेकिन अगर कोई इस आड़ में बिना लाइसेंस गाड़ी चला रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत भुल्लर ने कहा कि ओला, उबर जैसी कंपनियों को लाइसेंस जारी करना विचाराधीन है। केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत यह लाइसेंस दिए जाने है।
प्रताप सिंह बाजवा ने पेश किया प्रस्ताव
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आज विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें 2 साल पहले किसान आंदोलन को समाप्त करने के समय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संयुक्त किसान मोर्चा के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देने के लिए कमेटी बनाने, किसानों पर दर्ज केसों को वापस लेने सहित कई मांगे मानने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। विपक्ष के नेता ने सभी विधायकों से कहा कि वे इसके खिलाफ एक प्रस्ताव करके केंद्र सरकार को भेजें ताकि किसने की इन मांगों को करने के लिए उन पर दबाव बनाया जा सके।
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