Punjab Assembly: राज्यपाल के अभिभाषण पर हंगामा, अब मामला पहुंचा विशेषाधिकारी कमेटी के पास; सरकार लाई ये प्रस्ताव
Punjab Assembly पंजाब राज्यपाल के अभिभाषण पर हुआ हंगामा अब विशेषाधिकारी कमेटी के पास पहुंचा है। कांग्रेस ने जहां इसे अपनी जीत वहीं सरकार ने इसे सदन की तौहीन बताया था। वहीं राज्यपाल को अभिभाषण से पढ़ने से रोकने को आम आदमी पार्टी की सरकार ने तौहीन माना। संसदीय कार्य मंत्री बलकार सिंह कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लेकर आए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा 1 मार्च को पंजाब विधान सभा में दिए गए अभिभाषण के दौरान हंगामा करना कांग्रेस के विधायकों को महंगा पड़ सकता है। पंजाब सरकार ने सोमवार को कांग्रेस के निलंबित विधायक संदीप जाखड़ को छोड़ कर बाकी सारे विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाई। जिसे बहुमत से पास किया गया। इसके उपरांत इस मामले को विधान सभा की विशेषाधिकार कमेटी को भेज दिया गया।
अभिभाषण पढ़ने से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने कर दिया हंगामा
बता दें कि शुक्रवार को राज्यपाल ने जैसे ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया कांग्रेस के विधायकों ने खनौरी बॉर्डर पर मारे गए युवा शुभकरण को श्रद्धांजलि देने व अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताते हुए नारेबाजी करनी शुरू कर दी थी।यह भी पढ़ें: Punjab Politics: 'किसान के हत्यारे के पिता अजय मिश्रा को फिर से दिया टिकट', पंजाब सरकार का BJP-Congress पर तीखा हमला
कांग्रेस के विधायकों द्वारा बार-बार मांग उठने व हंगामा करने के कारण राज्यपाल अपने अभिभाषण का एक पन्ना भी नहीं पढ़ पाए। नारेबाजी के बीच राज्यपाल ने सदन में अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान जाए कह कर जय हिंद बोल दिया था।
आप सरकार ने मानी सदन की तौहीन
कांग्रेस ने जहां इसे अपनी जीत वहीं, सरकार ने इसे सदन की तौहीन बताया था। वहीं, राज्यपाल को अभिभाषण से पढ़ने से रोकने को आम आदमी पार्टी की सरकार ने तौहीन माना। जिसे देखते हुए सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री बलकार सिंह कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लेकर आए। जिसे बहुमत से पास किया गया।यह भी पढ़ें: Punjab Politics: 'पेंशन लागू करने की अधिसूचना जारी न करके कर्मचारियों को दिया धोखा...', मजीठिया का AAP पर हमलावहीं, संसदीय कार्य मंत्री द्वारा इस मामले को विशेषाधिकार हनन कमेटी को भेजे जाने को भी स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। अहम बात यह थी की यह प्रस्ताव संदीप जाखड़ के खिलाफ नहीं लाया गया। क्योंकि वह हंगामा करने वालों में शामिल नहीं थे।
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