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सुनील जाखड़ ने क्या वाकई दिया इस्तीफा? पंजाब के बीजेपी प्रधान ने तोड़ी चुप्पी, बोले- आखिरी फैसला हाईकमान का

Punjab News पंजाब में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने अपने पद से इस्तीफे की खबरों पर कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद जेपी नड्डा से मिलकर पद छोड़ने की बात कही थी। प्रदेश अध्यक्ष का मानना था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा लेकिन सीटे नहीं मिली। ऐसे में यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 14 Nov 2024 08:16 PM (IST)
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Punjab News: पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ फाइल फोटो (Jagran.Com)
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ क्या अपनी जिम्मेदारी का आगे भी निर्वाहन करेंगे? पंजाब भाजपा के पास अभी इस संबंध में कोई जवाब नहीं हैं।

वहीं, दो माह की लंबी चुप्पी के बाद जाखड़ ने सामने आकर यह स्पष्ट कर दिया हैं कि जिस प्रकार से 2019 में कांग्रेस में रहते हुए ‘मिशन-13’ पूरा न हो पाने के कारण उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा था, उसी प्रकार से 2024 में पंजाब में भाजपा द्वारा एक भी सीट नहीं जीत पाने के कारण उन्होंने पार्टी को नया प्रधान लाने का प्रस्ताव दिया है।

बीजेपी के प्रधान बने रह सकते हैं जाखड़

हालांकि, पिछले तीन-चार दिनों में जाखड़ खासे सक्रिय भी नजर आ रहे हैं। जिससे इस बात के स्पष्ट संकेत भी मिल रहे हैं कि वहीं भाजपा के प्रदेश प्रधान बने रह सकते हैं। बता दें कि किसानों के मुद्दों को सुलझाने व राज्य सभा सीट के लिए उनके नाम पर विचार भी नहीं किए जाने के बाद वह पार्टी से नाराज हो गए थे।

इसके उपरांत सितंबर माह में उन्होंने पार्टी को पद मुक्त करने का प्रस्ताव दे दिया था। जिसके बाद यह बातें सामने आई कि जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया।

शपथ समारोह के दौरान जाखड़ ने पीएम का किया था स्वागत

हालांकि, 17 अक्टूबर को नायब सिंह सैनी द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर लिए गए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जाखड़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत करते हुए नजर आए।

प्रधानमंत्री ने भी जाखड़ को खासी तवज्जों दी। इसके उपरांत उनकी ड्यूटी एनडीए की बैठक में आए मुख्यमंत्रियों व केंद्रीय मंत्रियों के स्वागत करने में लगाई थी।

जिससे इस बात के संकेत मिलने लगे कि जाखड़ अब वापस पार्टी की गतिविधियों में शामिल होंगे। क्योंकि उस समय राज्य में पंचायत चुनाव हो रहे थे लेकिन जाखड़ ने ऐसा नहीं किया। लंबी चुप्पी के बाद अब न सिर्फ जाखड़ ने इस बात को स्वीकार किया हैं कि उन्होंने पार्टी को जिम्मेदार व्यक्ति चुनने का प्रस्ताव दिया और साथ ही वह सक्रिय भी दिखाई दे रहे हैं।

2019 में कांग्रेस प्रधान से दिया था इस्तीफा

बता दें कि 2019 में कांग्रेस का प्रधान रहते हुए सुनील जाखड़ ने जब इस्तीफा दिया था तब करीब 2 माह तक यह बात सामने नहीं आई थी। जब सोनिया गांधी ने उनकी इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया उसके बाद ही यह बात सामने आई कि जाखड़ ने पद से इस्तीफा दिया था।

अहम बात यह है कि भाजपा में आने के बाद वह कभी भी प्रदेश प्रधान पद के चाहवान नहीं थे। प्रदेश प्रधान के रूप में उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिम्मेदारी सौंपी थी। जाखड़ प्रधानमंत्री की भी गुड बुक में हैं। ऐसे में जाखड़ की सक्रियता इस बात के संकेत दे रहे हैं कि क्या 2019 की कहानी 2024 में पुन: दोहराई जाएगी।

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