Punjab News: उप चुनाव बना प्रतिष्ठा का मैदान, सीएम मान ने लिया जालंधर में घर; भाजपा को दिखाना होगा दम
Punjab News पंजाब में उप चुनाव प्रतिष्ठा का मैदान बन गया है। उप चुनाव को देखते हुए सीएम मान ने जालंधर में नया घर ले लिया है। जालंधर पश्चिमी विधान सभा क्षेत्र आप के लिए प्रतिष्ठा का सवाल इसलिए भी हैं क्योंकि यहां से आप को गहरे जख्म मिले है। वहीं सुशील रिंकू भी जालंधर पश्चिमी (सुरक्षित सीट) से विधायक रह चुके है।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। लोकसभा और विधानसभा का उप चुनाव होना एक सहज प्रक्रिया है। कोई भी सरकार को उप चुनाव होते ही रहते हैं लेकिन जालंधर पश्चिमी विधान सभा सीट पर 10 जुलाई को होने वाला उप चुनाव सहज नहीं है।
यह मुख्यमंत्री भगवंत मान और पूर्व मुख्यमंत्री व जालंधर से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बीच प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है तो भारतीय जनता पार्टी के लिए दम दिखाने का अवसर। यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव के लिए जालंधर में किराए का मकान ले लिया है और अपने परिवार को वहां शिफ्ट करने का फैसला किया है।
जालंधर से AAP को मिले गहरे जख्म
जालंधर पश्चिमी विधान सभा क्षेत्र आप के लिए प्रतिष्ठा का सवाल इसलिए भी हैं क्योंकि यहां से आप को गहरे जख्म मिले है। इस सीट से आप विधायक शीतल अंगुराल ने पार्टी छोड़ कर भाजपा की सदस्यता ले ली और लोक सभा चुनाव से पहले पार्टी ने जिस सांसद सुशील रिंकू को पुन: टिकट दी उन्होंने भी पार्टी छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया।
पंजाब के इतिहास में पहली बार हुआ ये
सुशील रिंकू भी जालंधर पश्चिमी (सुरक्षित सीट) से विधायक रह चुके है। पंजाब के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब एक उप चुनाव के लिए किसी मुख्यमंत्री ने उस क्षेत्र में घर किराये पर लिया हो। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सप्ताह में तीन दिन जालंधर में ही रहेंगे। मुख्यमंत्री का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से है। चन्नी भी चमकौर साहिब छोड़ कर जालंधर से लोक सभा का चुनाव लड़ने और विजयी रही। जालंधर दलितों का गढ़ माना जाता है।
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जालंधर ही ऐसा लोक सभा क्षेत्र हैं जहां की 9 विधान सभा क्षेत्रों में से चार जालंधर पश्चिमी, करतारपुर, आदमपुर और फिल्लौर सीट सुरक्षित है। लोक सभा चुनाव में चन्नी ने जालंधर पश्चिमी सीट से सर्वाधिक 44, 394 वोट हासिल किए थे। जबकि भाजपा के सुशील रिंकू उनसे 1537 वोट पीछे रहे थे। रिंकू को 42,837 वोट मिले थे। जबकि आप के प्रत्याशी को मात्र 15,629 वोट मिले थे।
कांग्रेस से इतने पीछे रहे पवन टीनू
आप के पवन टीनू कांग्रेस से 28,208 वोटों से पीछे रहे थे। 2022 में सरकार बनाने के बाद आप सरकार दो लोक सभा चुनाव का सामना कर चुकी है। जिसमें से संगरूर सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जबकि जालंधर उप चुनाव में उन्हें जीत मिली थी। शीतल अंगुराल द्वारा पार्टी छोड़ने और विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद आप सरकार अपना पहला विधान सभा चुनाव लड़ेगी।
भाजपा के लिए दम दिखाने का चुनाव
भारतीय जनता पार्टी के लिए यह चुनाव अपना दम दिखाने का है। क्योंकि यह वह सीट है जो भाजपा हमेशा ही लड़ती रही है। इस सीट से भगत चूनी लाल भाजपा कोटे से मंत्री भी रहे हैं। पारंपरिक रूप से यह सीट कांग्रेस और भाजपा के खाते में जाती रही है।
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2022 में पहली बार इस सीट पर आप की एंट्री हुई थी। भाजपा लोक सभा चुनाव में कोई भी सीट तो नहीं जीत पाई लेकिन उसने अपना वोट शेयर 18.57 फीसदी तक पहुंचा दिया। ऐसे में भाजपा के लिए भी उप चुनाव में अपना दम दिखाने का मौका है।