पंजाब कैबिनेट ने दी उद्यमियों को बड़ी राहत, अब 31 दिसंबर तक कर सकेंगे बकाए का भुगतान
पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले किए गए। कैबिनेट ने राज्य केे उद्यमियों को बड़ी राहत दी है। राज्य के उद्यमी अब 31 दिसंबर तक बकाए का भुगतान कर सकेंगे।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 23 Jun 2020 09:25 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब सरकार ने उद्यमियों को बड़ी राहत दी है। पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (पीएसआइडीसी) व पंजाब वित्त निगम (पीएफसी) के प्रति उनके बकाए को निपटाने के लिए एकमुश्त निपटारा स्कीम (ओटीएस) में 31 दिसंबर 2020 तक वृद्धि कर दी है। पंजाब कैबिनेट की बैठक में उद्यमियों को यह राहत देने का फैसला किया है। इसके साथ ही कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले किए।
सरकार ने पीएसआइडीसी व पीएफसी की ओटीएस योजना को दस माह के लिए बढ़ायामंत्रिमंडल ने फैसला किया कि उद्यमियों को क्रमवार 10 करोड़ व दो करोड़ रुपये की वसूली करने में सहायता मिलेगी। कैबिनेट ने ओटीएस नीति-2018 की मियाद 5 मार्च, 2019 को खत्म होने के बाद इक्विटी व लोन के बारे में ओटीएस के लिए प्राप्त आवेदनों को मंजूरी दे दी है। अदायगी की आखिरी तारीख को दो साल से बढ़ाकर ढाई साल कर दिया है।
नौ माह से अधिक समय तक डिफाल्टर रहने पर ओटीएस को रद कर दिया जाएगा। पहले यह सीमा छह माह थी। इससे संबंधित क्लॉज चार (1) में सुधार किया गया है। एक किश्त के डिफाल्ट होने पर जुर्माने के तौर पर ब्याज नहीं लिया जाएगा।
रद होने पर दोबारा लागू होगी स्कीम
भुगतान में विफल रहने पर यदि कोई निगम ओटीएस नीति रद कर देती है तो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी से कुल बकाया रकम समेत ब्याज मिलने के बाद नीति को फिर लागू किया जाएगा। यदि ओटीएस नीति में बदलाव की जरूरत हो तो सीएम की मंजूरी के साथ बदलाव हो सकता है।----बठिंडा थर्मल प्लांट की जमीन पुडा को बेचने पर मुहर
श्री गुरु नानक देव जी के 500वें प्रकाशोत्सव पर बठिंडा में जिस गुरु नानक थर्मल प्लांट का शिलान्यास किया गया था, उसकी 1764 एकड़ जमीन को 550वें प्रकाशोत्सव के बाद बेचने की मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट ने पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की यह जमीन 80:20 राजस्व की हिस्सेदारी में पंजाब शहरी विकास अथॉरिटी (पुडा) को सौंप दी है। कैबिनेट ने पुडा को इस जगह को विकसित करने व बेचने के लिए राज्य की गारंटी के साथ 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज लेने को भी मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि गुरु नानक देव जी के 500 साला प्रकाशोत्सव पर तब के सीएम जस्टिस गुरनाम सिंह व राजस्व मंत्री फकीर चंद ने इसका शिलान्यास किया था। फकीर चंद बठिंडा के विधायक भी थे। हालांकि, प्लांट को सितंबर 2017 से ही बंद कर दिया गया था, लेकिन इसकी 1764 एकड़ जमीन को लेकर कोई फैसला नहीं हो पा रहा था। यह फैसला सरकार ने 550 साला प्रकाशोत्सव मनाने के साल में कर लिया था। अब इस पर मुहर लग गई।
पंजाब सरकार ने गलवन घाटी के बलिदान हुए सैनिकों को दी श्रद्धांजलिमंत्रिमंडल की बैठक में पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में बलिदान 20 सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने 15 जून को शहीद हुए सैनिकों की याद में शोक प्रस्ताव पारित करने से पहले दो मिनट का मौन रखा। ---- एमएसएमई यूनिट लगाना आसान, अब डीसी देंगे एनओसी
पंजाब में अब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) से संबंधित इकाइयां लगाना आसान होगा। पंजाब मंत्रिमंडल ने पंजाब राइट टू बिजनेस रूल्स-2020 को मंजूरी दे दी। इससे उद्योग लगाने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। कई महत्वपूर्ण रजिस्ट्रेशन व एनओसी का काम जिला उपायुक्त (डीसी) को सौंप दिया गया है। विधानसभा की ओर से इसी वर्ष पारित किए इस एक्ट के नियमों से राज्य में उद्योग लगाने के लिए मंजूरी मिलना बेहद सरल हो जाएगा।
इनकी रजिस्ट्रेशन डीसी के हाथनए नियमों के तहत मुश्किल प्रक्रिया वाले उद्योगों के अलावा अन्य नए उद्योगों के लिए बिल्डिंग प्लान, कंप्लीशन सर्टिफिकेट, ट्रेड लाइसेंस रजिस्ट्रेशन, लैंड यूज चेंज, फायर डिपार्टमेंट एनओसी, फैक्ट्री बिल्डिंग प्लान व दुकानों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए रजिस्ट्रेशन का काम जिला उपायुक्त के नेतृत्व वाली डिस्ट्रिक्ट लेवल नोडल एजेंसी करेगी।
आवेदन के तीन दिन में मिलेगी मंजूरी-मान्यता प्राप्त औद्योगिक पार्कों में आवेदन के तीन दिन में सैद्धांतिक स्वीकृति मिल जाएगी। -इंडस्ट्रियल पार्कों के बाहर के क्षेत्र में ऐसी स्वीकृति 15 दिन में दी जाएगी।-यह सर्टिफिकेट साढ़े तीन साल की अवधि के लिए वैध होगा। -उद्योग को तीन साल में इन्वेस्ट पंजाब बिजनेस फर्स्ट पोर्टल पर अंतिम स्वीकृति के लिए आवेदन करना होगा।
100 से अधिक कर्मचारियों वाले उद्यमों पर मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डरमंत्रिमंडल ने इंडस्ट्रियल इंप्लॉयमेंट (स्टैंडिंग ऑर्डर्स) एक्ट-1946 के तहत जारी की गई अधिसूचना वापस लिए जाने को भी मंजूरी दे दी है। इस एक्ट के तहत 20 से अधिक कर्मचारियों वाले उद्यमियों की बजाय 100 से अधिक कर्मचारियों वाले उद्यमों पर अब मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर लागू होंगे।
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